मां कालरात्रि: मां को लगाएं गुड़ का भोग, मिलेंगे चमत्कारिक लाभ
नवरात्रि का सातवां दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि को समर्पित है. मां कालरात्रि दुष्टों और राक्षसों का संघार करने वाली हैं. देवी दुर्गा के भयानक रूपों में से इन्हे माँ काली भी कहा जाता है. पंडित रमाशंकर ने बताया कि ‘काल’ शब्द आमतौर पर समय या मृत्यु को संदर्भित करता है और ‘रात्रि’ शब्द का अर्थ रात होता है. इसलिए, उन्हें अंधेरे का अंत करने वाली देवी के रूप में भी जाना जाता है. इनकी आराधना करने वाले भक्त भय मुक्त रहते हैं इन्हें कभी भी कोई बुरी शक्तियां छू तक नहीं पाती तंत्र मंत्र इनके सामने सब निष्क्रिय हो जाता है. मां जगत कल्याणकारी हैं.
मां कालरात्रि का स्वरूप
राक्षसों का वध करने वाली मां का स्वरूप भयावह है इनके केश बिखरे हुए हैं तीन नेत्र हैं तीसरे नेत्र में ब्रह्मांड समाहित है. मां के गले में विद्युत सी चमकीली माला है मां की चार भुजाएं हैं और मां गधर्व अर्थात गधा की सवारी करती हैं
रुचिकर पुष्प, रंग, भोग
माता को रंगो में लाल रंग अत्यन्त प्रिय है इन्हें लाल गुड़हल, गुलाब, कमल, अपराजिता, इत्यादि पुष्प अर्पित करें. मां को भोग में फल, मिष्ठान, शहद, गुड़ और गुड़ से बने पुआ अत्यन्त प्रिय हैं
मां का पूजन मंत्र
1 – ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।
संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ।
2-ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।
पूजन विधि
प्रातः स्नान ध्यान के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर लें तत्पश्चात माता कालरात्रि का स्मरण कर आवाहन करें और उन्हे गंगा जल से स्नान कराएं कुमकुम,रोली, लाल वस्त्र,लाल पुष्प इत्यादि अर्पित कर के मां की स्तुति करें और भोग अर्पित्त करें भोग में गुड़ से बने खाद्य पदार्थ चढ़ाएं मां को गुड़ अत्यन्त प्रिय है. गुड़ के पुआ माता को बहुत प्रिय हैं.
मां के पूजन से होते हैं यह लाभ
1- मां के भक्त भय मुक्त होते हैं वह भय रहित हो जाते हैं.
2- मां शत्रु नाशक है और भक्तों की रक्षा करती हैं आने वाली बाधाओं को दूर करती हैं.
3- मां रोग व्याधि से मुक्ति दिलाती हैं.
4- मां के पूजन से संतान प्राप्ति होती है और संतान की रक्षा भी मां रक्षक है.
5- मां की अराधना बुरी शक्तियों से भक्तों की रक्षा करती है और मां तंत्र मंत्र विद्या से भक्तों की रक्षा करती है.