छत्तीसगढ़

CG Collectors Conference 2025: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिखाई सख्ती, कहा – जनहित में किसी भी लापरवाही पर नहीं होगी रियायत

सुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही पर केंद्रित रही 9 घंटे की मैराथन बैठक

रायपुर: राज्य शासन की नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में अधिकारियों को सख्त संदेश दिया – “जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चली यह 9 घंटे की मैराथन बैठक पूरी तरह परिणामोन्मुख रही, जिसमें प्रशासनिक अनुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता को सुशासन के मुख्य स्तंभ के रूप में रेखांकित किया गया।

बैठक में मुख्य सचिव श्री विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर्स मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि शासन की योजनाओं का वास्तविक लाभ तब तक सार्थक नहीं जब तक वह जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी रूप से न पहुँचे। उन्होंने कहा कि यह बैठक केवल समीक्षा नहीं, बल्कि जनहित प्रशासन के नए मानक तय करने का अवसर है।

धान खरीदी में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री श्री साय ने धान खरीदी व्यवस्था को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए कि 15 नवंबर से शुरू हो रही खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी केंद्र में समस्या या भ्रष्टाचार पाया गया, तो संबंधित कलेक्टर सीधे जिम्मेदार होंगे।

धान खरीदी की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से निगरानी की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में अवैध धान परिवहन रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए।

कृषि और किसान हित में ठोस पहल
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के पंजीयन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी पात्र किसान योजना से वंचित न रहे। उन्होंने प्रभारी सचिवों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करें और लाभ समयसीमा में प्रदान करें।

स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और संवेदनशीलता पर जोर
स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किए जाएं तथा टीकाकरण की फील्ड वेरिफिकेशन हो। मुख्यमंत्री ने मलेरिया उन्मूलन को लेकर बस्तर संभाग में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर राज्य को “मलेरिया-मुक्त छत्तीसगढ़” बनाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा किया जाए।

शिक्षा में सुधार और नवाचार पर बल
शिक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री  साय ने ड्रॉपआउट दर शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य तय किया। उन्होंने कहा, शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, बच्चों के हाथों में दिखनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले की सराहना करते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय भाषा ‘गोंडी’ में शिक्षण से बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है और ड्रॉपआउट घटा है। उन्होंने सभी जिलों को स्थानीय संस्कृति से जुड़े ऐसे नवाचार अपनाने की सलाह दी। राज्य में जल्द ही मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान प्रारंभ किया जाएगा, जिसके तहत स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण और ग्रेडिंग की जाएगी।

आदिवासी अंचलों में धरती आबा और आदि कर्मयोगी अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि *धरती आबा अभियान* आदिवासी अंचलों के सर्वांगीण विकास का प्रतीक है। उन्होंने 17 विभागों को आपसी समन्वय से कार्य कर योजनाओं का 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है, जिसके तहत 128 विकासखंडों के 6650 गाँवों में 1.33 लाख वालेंटियर जनजातीय हितग्राहियों तक योजनाओं का लाभ पहुँचा रहे हैं।

पीएम जनमन योजना और नगरीय विकास
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि *पीएम जनमन योजना* के अंतर्गत सभी कार्य *मार्च 2026* तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने मनेंद्रगढ़ और धमतरी जिलों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।
नगरीय प्रशासन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि *प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0* के सभी लंबित मकानों का निर्माण 31 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाए और तैयार मकान दो माह में हितग्राहियों को सौंपे जाएं।

स्वच्छता और जल संरक्षण में सुधार की आवश्यकता
मुख्यमंत्री श्री साय ने “मोर गांव, मोर पानी” अभियान के तहत 1.5 लाख से अधिक घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की प्रगति की सराहना की। हालांकि, उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के भुगतान में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और कहा कि आगे से सभी भुगतान समयसीमा में हों, अन्यथा संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

तकनीकी शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास पर फोकस
युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने *राज्य स्तरीय रोजगार मेला* आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कौशल विकास योजनाओं का उद्देश्य केवल प्रमाणपत्र देना नहीं, बल्कि युवाओं को वास्तविक रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाना है।

ई-सेवाएं और लोक सेवा गारंटी
मुख्यमंत्री श्री साय ने डिजिटल शासन पर जोर देते हुए कहा कि ई-सेवाएं नागरिकों तक समय पर पहुंचें, यह हर अधिकारी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिए कि जन्म प्रमाणपत्र, पेंशन, जाति प्रमाणपत्र जैसी सेवाओं का निस्तारण तय समय में हो और सभी सेवाएं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ी जाएं।

जीरो टॉलरेंस नीति पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी कि धान खरीदी में गड़बड़ी, रेत के अवैध उत्खनन या किसी भी प्रशासनिक अनियमितता पर शासन सख्त कार्रवाई करेगा।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “जीरो टॉलरेंस नीति”* पर पूरी दृढ़ता से अमल कर रही है।

अनुशासन, जवाबदेही और फील्ड उपस्थिति पर बल
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिया कि वे *सुबह 7 बजे से पहले फील्ड निरीक्षण करें,* और केवल कागज़ी रिपोर्टों पर निर्भर न रहें। उन्होंने बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने और अधिकारियों को फील्ड विज़िट की आदत विकसित करने पर बल दिया।

बैठक के समापन पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा –“प्रशासनिक जिम्मेदारी केवल योजनाओं के क्रियान्वयन तक सीमित नहीं है। यह संवेदनशीलता, संवाद और जवाबदेही का विषय है। जनता के बीच आपकी उपस्थिति ही आपकी पहचान है – और यही सुशासन की सच्ची पहचान है।”

Related Articles

Back to top button