ताड़मेटला कांड को 11 साल पूरे, देश के सबसे बड़े नक्सली मुठभेड़ में 76 जवान हुए थे शहीद , अफ़सोस आज भी जारी है जंग
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर बड़े हमले को अंजाम दिया है। इस हमले में CRPF के 23 जवान शहीद हो गए और कई जख्मी हैं। घायल जवानों को इलाज के लिए रायपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
इसी तरह 6 अप्रैल, 2010 को इसी जगह पर नक्सलियों ने खून की होली खेलते हुए 76 सीआरपीएफ जवानों को मौत की नींद सुला दिया था। शहीदों में डिप्टी कमांडेंट और असिसटेंट कमांडेंट भी शामिल थे। बड़ा सवाल ये है कि नक्सलियों ने इसी जगह साल 2010 में अब तक सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया था, जिसमें CRPF के 76 जवान शहीद हो गए थे।
क्या हुआ था उस दिन
यह घटना 6 अप्रैल 2010 की सुबह की है जब अचानक सुकमा से खबर आती है की जिले के चिंतलनार सीआरपीएफ कैंप के पास ताड़मेटला नाम की जगह पर सीआरपीएफ के जवान और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई है। शुरुआती दौर में केवल कुछ ही जवानों की शहीद होने की खबर आती है लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता है रात होते तक वह संख्या बढ़कर 76 हो जाती है।दंतेवाड़ा के जंगलों में हुई खूनी भीड़ंत में नक्सलियों की तरफ से 3000 राउंड गोलियां चलाई गई थी।
इस हमले में नक्सली सीआरपीएफ के जवानों को अपने जाल में उलझा कर सड़क से 400 मीटर की दूरी पर ले गए, ताकि लोगों को नुकसान न पहुंचे।हमले में बचे जवानों ने बताया था करीब 1 हजार नक्सलियों ने उन जवानों को घेर लिया था।दरअसल 5 अप्रैल को चिंतलनार सीआरपीएफ कैंप से करीब 150 जवान जंगल में सर्चिंग के लिए निकले हुए थे। सभी जवान घने जंगल में कई किलोमीटर चलने के बाद जब वापस लौट रहे थे तभी 6 अप्रैल की सुबह करीब 6 बजे ये भीषण मुठभेड़ हुई।
नक्सलियों ने बड़ी चालाकी से ताड़मेटला और चिंतलनार के बीच सड़क पर लैंडमाइन बीछा रखा था और बीच में पड़ने वाली छोटी पुलिया को भी बम से उड़ा दिया था। इस मुठभेड़ में जवानों ने शुरुआत में नक्सलियों को अच्छा जवाब दिया और 8 बड़े नक्सलियों को मार गिराया था लेकिन पास की पहाड़ी से शुरू हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में जवान बुरी तरह घिर गए और कई जवान शहीद हुए तो कई गंभीर रूप से घायल।