अंबिकापुर . एसडीओपी पर पैसे लेकर आरोपियों को छोडऩे का आरोप लगाने वाले प्रधान आरक्षक के बयान पुलिस ने सफाई दी है। पुलिस का कहना है प्रधान आरक्षक कुछ लोगों को उसकी गाड़ी में आग लगाने के आरोप में थाना लेकर आया, लेकिन यह बात सही नहीं पाई गई सो उन्हें छोड़ दिया गया। 20 मई की रात लखनपुर थाना क्षेत्र के कुन्नी चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी की कार तथा एक अन्य आरक्षक की चौकी परिसर में खड़ी बाइक में किसी ने आग लगा दी थी।
मामले में प्रधान आरक्षक ने 5 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी ने रो-रोकर एसडीओपी पर रुपए लेकर आरोपियों को छोडऩे का आरोप लगाया है। प्रधान आरक्षक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। बाद में 25 मई को प्रधान आरक्षक को सस्पेंड कर दिया। पुलिस के मुताबिक यह वीडियो आरक्षक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था या स्टिंग है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। इस दौरान एसडीओपी चंचल तिवारी ने आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं होने पर उन्हें छोड़ दिया था। एसडीओपी का कहना है, जिस रात आग लगी, उस रात थाने लाए गए लोग गांव में ही नहीं थे।
एसडीओपी पर लगाए गए आरोप और आगजनी की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। प्रथम दृष्टया प्राप्त साक्ष्यों के अनुसार जिन आरोपियों को लाया गया था उनमें से कुछ घटना वाली रात गांव में ही नहीं थे। एसडीओपी ने संदिग्धों को जनप्रतिनिधियों के सामने छोड़ा था।
– टीआर कोशिमा, एसपी, सरगुजा
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