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पति-पत्नी के घरेलू विवाद पर हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी, कहा- ‘जोड़ियां स्वर्ग में नहीं, नरक में बनती है’, पढ़िए पूरा मामला…

कुछ मामलों पर सुनवाई करते हुए कई बार देश की बड़ी अदालतें कुछ ऐसी टिप्पणियां दे जाती हैं जो सुर्ख़ियों में छा जाती हैं। कुछ ऐसी ही टिप्पणी बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक घरेलू विवाद की सुनवाई करते हुए कहा। कोर्ट ने अपनी इस टिप्पणी में कहा कि ‘जोड़ियां स्वर्ग में नहीं, नर्क में बनती हैं।’
घरेलू विवाद के मामले में एक पति ने अपनी याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस सारंग कोतवाल ने शादी के बंधन पर यह तीखी टिप्पणी की। दरअसल यह मामला ऐसा है की एक पत्नी ने अपने पति पर दहेज की मांग करने और क्रूरता का आरोप लगाया था। इसी आरोप के खिलाफ पति ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इस मामले में पति और पत्नी दोनों ही एक दूसरे के साथ रहने को तैयार नहीं थे। इसी बात को लेकर जस्टिस कोतवाल ने गुस्से में टिप्पणी की कि ‘जोड़ियां स्वर्ग में नहीं नर्क में बनती हैं।’ इस मामले में पति और पत्नी ने एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कोतवाल ने कहा “एफआईआर से पता चलता है कि पति और पत्नी एक साथ नहीं रह सकते हैं उनके भी लगातार झगड़े होते थे।”
पत्नी का आरोप
 सबसे पहले यह मामला दिसंबर 2021 में सामने आया था। जिसमें एक महिला ने अपने पति के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था कि उनके शादी के दौरान उसके ससुराल वाले अपने घर के सभी सदस्यों के लिए एक सोने का सिक्का मांग कर रहे थे। लेकिन उनके सोने के सिक्के का यह मांग महिला के परिवार वालों ने पूरा नहीं किया। जिसके कारण महिला को उसके ससुराल वाले लगातार सताते थे। इस मामले में पत्नी ने यह भी कहा कि उसने फ्लैट खरीदने के लिए 13 लाख 50 हज़ार रुपए भी दिए। पत्नी ने अपने पति पर यह भी आरोप लगाया कि उसका पति खुद पर कुछ घाव का निशान इसलिए बना लेता था ताकि वह लोगों को दिखा सके कि उसकी पत्नी ने उसके साथ मारपीट किया है।
पति का आरोप 
इस मामले का दूसरा पहलू यह है की पति ने अपने पत्नी पर आरोप लगाते हुए यह कहा कि उसने फ्लैट खरीदने के लिए 9 लाख का लोन लिया था। पति ने आगे बताया कि वह अपनी पत्नी को घुमाने के लिए मॉरीशस ले गया था। जहां उसने अपनी पत्नी को एक महंगा फोन भी गिफ्ट किया था। पति ने पत्नी पर आरोप लगाया कि वह उसे लगातार व्हाट्सएप पर मैसेज करके परेशान किया करती थी। जिसके लिए पति ने पत्नी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाया था।
इसी एफआईआर के जवाब में पत्नी ने भी अपने पति के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुंबई हाई कोर्ट के जज जस्टिस कोतवाल ने दोनों पक्षों का बात सुनना जिसके बाद उन्होंने कहा कि पति को हिरासत में लेने से इस मामले का हल नहीं किया जा सकता और पति से इस मामले में कोई पूछताछ की भी जरूरत नहीं है कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि पति को 30 हज़ार के मुचलके पर जमानत दे दिया जाए।

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