छत्तीसगढ़

पिता अस्पताल से गोद में लेकर गए 7 वर्षीय बेटी का शव, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने साधा निशाना, कहा- स्वास्थ्य मंत्री सीएम बनने की दौड़ में भूल गए कर्तव्य

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले से एक पिता द्वारा अस्पताल से मृत बेटी को पैदल चलकर घर जाने का मामला सामने आया है। दरअसल, अमदला गांव के ईश्वरदास ने अपनी 7 वर्षीय बेटी सुरेखा का शव गोद में लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर से १० किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर गए।
अब इस मामले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने इस मामले को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर निशाना साधा है।
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उनका कहना है कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है और स्वास्थ्य मंत्री सीएम बनने की दौड़ में जनता के प्रति अपना कर्तव्य ही भूल गए हैं। उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने के लिए बीएमओ और सीएमएचओ को निलंबित करने और मृतिका के परिजनों को 5 लाख रुपए मुआवजे के रूप में देने की मांग रखी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि यह घटना काफी हृदय विदारक, मन को झकझोर देने वाला और बहुत पीड़ादायक था। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहदेव के गृह क्षेत्र में इस तरह की लापरवाही चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था व विभागीय नाकामी को सिद्ध करने के लिए काफी है।
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आगे उन्होंने कहा कि ऐसी घटना एक ओर स्वास्थ विभाग की उदासीनता और उनकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है तो वही दूसरी ओर समाज के लिए भी है यह विचारणीय है कि ऐसी परिस्थिति में जब कोई व्यक्ति इस तरह बच्चे का शव गोद में रखकर पैदल जा रहा हो तो उस समय भी कोई ग्रामीण, राहगीर सहयोगी नहीं बनता जो एक चिंता की वजह लगती है।
सीएमएचओ और बीएमओ को निलंबित करने की मांग
आगे अनुराग ने कहा कि बालिका की मौत इंजेक्शन लगाने के बाद किन वजहों से हुई, साथ ही अगर मृत्यु संदेहास्पद थी तो आखिर उसका पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया। उन्होंने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए इस लापरवाही के लिए बीएमओ और सीएमएचओ को निलंबित करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध था तो ईश्वरदास को अपनी बेटी के शव के साथ 10 किलोमीटर तक अकेले पैदल क्यों जाना पड़ा।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री बनने की चाहत में जनता के प्रति अपना कर्तव्य ही भूल गए हैं।इसकी वजह से केवल सरगुजा ही नहीं अपितु पूरेे प्रदेश की जनता बद्तर स्वास्थ्य व्यवस्था का अभिशाप भोगने के लिए बाध्य हो गई है।

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