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छत्तीसगढ़ : SI पति की मौत के बाद पत्नी बनी थी सिपाही, लेकिन कोरोना ने ली जान, बच्चे हुए अनाथ

रायपुर : कोरोना संक्रमण ने न जाने कितने परिवारों को बिखेर कर रख दिया है, न जाने कितने बच्चों से उनके मां-बाप चीन गए ऐसी ही एक द्रवित कर देने वाली कहानी राजधानी रायपुर से सामने आई है । जहां कोरोना पुलिस एसआई की जान ले ली जिसके बाद अनुकंपा नियुक्ति में नौकरी कर रही पत्नी की भी कोरोना से मौत हो गई है।महिला हवलदार सरोज कंवर को 10 साल पहले पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी।

कोरोना से सरोज की मृत्यु हुई और सारी जिम्मेदारी उनकी 24 वर्षीय बेटी पर आ गई है। तीन बेटियां और एक बेटे के इस बचे हुए परिवार के सामने अब घर चलाने का संकट आ गया है। इसी तरह, खम्हारडीह के हवलदार गणेशराम कंवर की कोरोना से मृत्यु के 5 दिन बाद उनकी पत्नी भी गुजर गईं।

मीडिया ने उन पुलिसकर्मियों के परिवारों से बात की, जिनका कोरोना की दूसरी लहर में मार्च-अप्रैल में निधन हुआ। हर घर की दास्तान दुखदायी है। सरोज की बेटी ने बताया कि मां के निधन के बाद कोरोना की वजह से अब तक कई रिश्तेदार नहीं आए।

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वह एमए अंतिम में है। घर पर 18 साल की छोटी बहन और 13 साल का भाई है। एक बहन की शादी हो गई, इसलिए जिम्मेदारी उसी के ऊपर है। इस परिवार के लिए कुछ पुलिस अफसरों ने राशन की व्यवस्था की है, लेकिन भविष्य को लेकर बच्चों में बड़ी अनिश्चितता नजर आईं।

माता-पिता 5 दिन के भीतर गुजरे

खम्हारडीह थाना के हवलदार गणेशराम कंवर की कोरोना से 15 अप्रैल को मौत हो गई। दूसरे दिन उनकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। गणेश की तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी शादी होकर चली गई है। घर पर 26 साल की नीतू कंवर और 22 साल की उसकी छोटी बहन है। घर की जिम्मेदारी नीतू पर आ गई है। दोनों बहने सदमे में है। उनके सिर से एक साथ माता-पिता का छाया हट गया। दोनों बहनें गांव चली गई है।

पिता गुजरे तो आर्थिक तंगी शुरू

ट्रैफिक एएसआई तेलेस्फोर एक्का का 10 अप्रैल को कोरोना से मृत्यु हुई। घर पर दो बेटे और पत्नी है। दोनों बेटे पढ़ाई करते है। बड़े बेटे अभिजीत ने बताया कि पापा के जाने के बाद घर की आर्थिक हालत डगमगा गई है। कुछ लोन भी था। पापा के जाने के बाद आर्थिक स्त्रोत नहीं बचा, इसलिए अब मुश्किलें शुरू होने लगी हैं। पापा अचानक छोड़ गए, उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। यकीन ही नहीं होता कि पापा नहीं रहे।

पापा ही घर का सहारा थे

एसआई तेजराम की 27 अप्रैल को कोरोना से मौत हो गई। उनके घर पर पत्नी और 3 बेटे है। दो बेटे प्राइवेट नौकरी करते हैं, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद है। एसआई की मौत के बाद परिजन पैतृक घर बिलासपुर जयरामनगर चले गए हैं। बेटे हरीश ने बताया कि उनकी कोचिंग क्लास है, जो लाॅकडाउन में बंद है। छोटा भाई पढ़ाई करता है।

बेटों के बाद पति भी छोड़ गए

रायपुर क्राइम ब्रांच में लंबे समय तक रहे एएसआई भोजराम बिसेन की 17 अप्रैल की कोरोना से मौत हो गई। उनके घर पर अब केवल पत्नी ही रह गई हैं। एएसआई बिसेन के दोनों बेटे की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। कुछ साल पहले उनके भाई की भी मृत्यु हुई थी।

बिसेन की एक बेटी है, जिसकी शादी हो गई है। ट्रैफिक हवलदार उदयराम ध्रुव और हवलदार वीरेंद्र बरिहा की अप्रैल में मौत हुई है। पिछले साल डीएसपी एलआर चौहान, एएसआई उत्तरा नेताम और सिपाही दाऊलाल चंद्राकर की मौत हुई थी।

कोरोना से जिन पुलिस वालों की मौत हुई है, उनके परिजनों से संपर्क में हैं। जरूरत की चीजें पहुंचा रहे हैं। जो पुलिस वाले संक्रमित हैं, उनके इलाज से लेकर अन्य चीजों की व्यवस्था कर रहे हैं। इसलिए नोडल अफसर भी नियुक्त कर रखा है। अजय यादव, एसएसपी रायपुर

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