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छत्तीसगढ़ विधानसभा : हंगामें से भरा रहा सत्र का पहला दिन, विधायक हमले को लेकर BJP का हमला

Chhattisgarh Vidhansabha मानसून सत्र के पहले ही दिन हंगामे से भरा रहा। विपक्ष ने Congress MLA बृहस्पत सिंह पर हुए जानलेवा हमले का मामला उठा दिया। मामले की जांच को लेकर विपक्ष ने विधानसभा समिति की मांग की। सदन में हंगामा के बीच पहले सदन 5 मिनट फिर 3 बजे तक स्थगित कर दिया था। 3 बजे कार्रवाई शुरू होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, मैंने आपकी बात सुन ली है। अब इस विषय पर कल सरकार का पक्ष लूंगा। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को इस पर बयान देने के लिए कहा है।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही बृहस्पत सिंह पर हमले का मामला उठाया । विपक्ष का उनका कहना था, कांग्रेस विधायक ने अपनी सरकार के एक मंत्री से जान का खतरा बताया है। यह आरोप शर्मनाक है। जब यहां विधायक ही सुरक्षित नहीं, तो जनता की रक्षा कौन करेगा।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, सरकार अपने ही दल के लोगों को सुरक्षित नहीं रख पा रही है। उन्होंने विधानसभा की समिति ने पूरे मामले की जांच कराने की मांग की। भाजपा विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा, विधानसभा खुद इस मामले का संज्ञान लेकर कार्यवाही करे। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा यह हमारे साथ भी होता है। हमे भी धमकाया जाता है। भाजपा नेताओं ने कहा, यह हमारा आरोप नही है, बल्कि यह सत्तारूढ़ दल के विधायक का आरोप है। इस मामले में सदन की जांच कमेटी से जांच होनी चाहिए। विपक्ष ने इस मामले में विधायकों के विशेषाधिकार का भी हवाला दिया।

नेता प्रतिपक्ष बोले- देश में ऐसा पहला मामला
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, यह देश में पहला ऐसा मामला है, जिसमें एक विधायक ने अपनी ही पार्टी के मंत्री पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, इस मामले को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। तत्काल सदन की एक कमेटी बनाई जाए जो मामले की जांच करे। उन्हाेंने कहा, जब सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ ऐसा हो सकता है, तो विपक्ष के विधायक कहां तक सुरक्षित हैं?

संसदीय कार्यमंत्री को बोलने तक नहीं दिया
विपक्ष के हंगामें के बीच संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने इस मामले में हुई कार्रवाई की जानकारी देना शुरू किया। लेकिन, हंगामें के बीच उनकी बात सुनाई नहीं दे रही थी। विपक्ष ने उन्हें बोलने नहीं दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बार-बार हंगामा शांत कराने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष सदन की जांच कमेटी की मांग पर अड़ा रहा। उसके बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था भी नहीं माना
विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने व्यवस्था दी। उन्होंने कहा, क्या कोई निर्णय एक पक्ष को सुनकर दिया जाता है। विधायक बृहस्पत सिंह ने खुद सदन को यह घटना नहीं बताई है। विपक्ष इस व्यवस्था पर नहीं माना। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा, इसी सदन में पहले भी कई बार अखबारों की कतरन से चर्चा हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसे एक विशिष्ट मामला बताते हुए विधानसभा की समिति गठित करने की मांग की।

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