रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल की खींचतान के बीच अब इस खेल के दोनों ही प्रमुख खिलाड़ी भगवान की शरण में पहुंच चुके हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली स्थित अपने घर में पूजा-अर्चना करके वापस लौटे हैं, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अब थोड़ी देर पहले ही राजमेरगढ़ और अमरकंटक के लिए रवाना हो चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अमरकंटक के लिए रायपुर से हेलिकॉप्टर से रवाना होंगे। वहां वे अनूपपुर के राजेंद्रग्राम स्थित इंदिरा गांधी केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय पहुंचेंगे। फिर वहां से वे कार से गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के राजमेरगढ़ जाएंगे। इसे छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी मानी जाती है। राज्य सरकार वहां पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है। मुख्यमंत्री उन कार्यों का जायजा लेंगे। उन्होंने पहले ही गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को पर्यटन जिला बनाने की घोषणा कर दी हैं।
वहां लगभग एक घंटे बिताने के बाद मुख्यमंत्री अमरकंटक पहुंचेंगे। इसके बाद तीर्थ क्षेत्र में उनका नर्मदा कुंड में स्नान-दर्शन और पूजा का कार्यक्रम है। वे अमरकंटक में रात्रि विश्राम करेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अमरकंटक स्थित एक आश्रम पर बड़ी आस्था है। वे वहां अक्सर जाते रहते हैं। रायपुर हेलिपैड पर प्रेस से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, राजमेरगढ़ जा रहा हूं, ऐतिहासिक महत्त्व की भूमि है। हमारे लिए भी महत्वपूर्ण जगह है, दो दिन वहीं का दौरा रहेगा।
मुख्यमंत्री मरवाही उपचुनाव के लिए मैदान में उतरने से पहले भी मार्च 2020 में अमरकंटक में पूजा करने गए थे। उस यात्रा में मुख्यमंत्री ने नर्मदा उद्गम परिसर स्थित 11 शिवलिंगों पर रुद्राभिषेक किया था। राजनीतिक खींचतान और शक्ति प्रदर्शन के बीच अब दोनों नेताओं का धार्मिक अनुष्ठान भी चर्चा में हैं।
मान्यता बचाने नहीं उतरेगा हेलिकॉप्टर
ऐसी मान्यता है कि नर्मदा उद्गम स्थल को लांघना शुभ नहीं होता है। इसलिए इस मान्यता को बचाने के लिए मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर वहां न उतरकर कुछ किमी दूर राजेंद्रग्राम स्थित इंदिरा गांधी केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के हेलिपैड पर उतरेगा।आगे वहां से सीएम सड़क मार्ग से ही आगे जाएंगे।
सिंहदेव ने बताया- परिवार में सुख-शांति के लिए की थी पूजा
टीएस सिहदेव मंगलवार शाम दिल्ली से लौटे हैं। टीएस सिंहदेव ने कहा कि उन्होंने घर में सुख-शांति, समृद्धि के लिए पूजा रखी थी। वही पूजा थी, कोई विशेष बात नहीं थी। आगे उन्होंने कहा, आजकल घर वाले ऐसी पूजा रख रहे हैं। कल के दिल्ली प्रवास में किसी राजनीतिक मुलाकात अथवा चर्चा से भी सिंहेदव ने इंकार कर दिया था।
सिंहदेव ने खोपा देव से भी मांगी मन्नत
तकरीबन आठ महीने पहले सूरजपुर के खोपाधाम गए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने वहां 101 बकरे चढ़ाने की मन्नत मांगी हैं। लेकिन उन्होंने यह मन्नत किसके लिए मांगी उन्होंने इसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। सिंहदेव ने कहा था कि बैगा ने मन्नत पूरी होने से पहले इसकी जानकारी सार्वजनिक करने से मना किया है। खोपा देव को लेकर भी ऐसी स्थानीय मान्यता है कि यहां मांगी गई मन्नत एक साल के अंडर ही पूरी हो जाती है।
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