छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज होने लगी है। पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहे मंत्री टीएस सिंहदेव अचानक दिल्ली रवाना हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री के साथ बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे भी दिल्ली गए हैं।
दिल्ली रवाना होने से पहले टी एस सिंहदेव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से फोन पर बात हुई है और वह अभी दिल्ली में नहीं है। इसके अलावा अन्य नेताओं से भी मिलने का भी प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा देश की राजधानी में आने जाने का सिलसिला चलते रहता है। एक या दो दिन के प्रवास के दौरान वे कोशिश करेंगे कि पार्टी के आला लीडर्स से मुलाकात हो सके।
इस प्रवास को आज हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से जोड़कर भी देखा जा रहा है। साथ ही कुछ ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली से अब छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन पर बड़ा फैसला हो सकता है। आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई, जो तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की। आज की इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत चन्नी, पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम सहित कई नेता मौजूद रहें।
गौरतलब है कि सीएम के तौर पर भूपेश बघेल की सरकार को जून में ढाई साल हो गए है। इसलिए सिंहदेव और उनके समर्थक पार्टी पर मुख्यमंत्री बदलने का दबाव बना रहे हैं। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। सिंहदेव का दावा है कि उनसे वादा किया गया था कि बघेल के आधे कार्यकाल के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। वहीं, सीएम बघेल के करीबी सूत्रों का कहना है कि ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री बनाने जैसा कोई फॉर्मूला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार को अस्थिर करना विनाशकारी हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमत्री बघेल और सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गया जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।
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