बिलासपुर: भारत में जहाँ एक ओर कोरोना संक्रमण के मामलों में रोजाना लाखो की बढ़त देखने को मिल रही है वहीँ एक ओर संकट के इस घडी में अनजान हाथ लोगों के मदद के लिए आगे आ रहे हैं। खाना-पानी, ऑक्सीजन और यहां तक कि अंतिम सफर में भी लोग साथी बन रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में अपनों में ही संक्रमण का मामला सामने आया है। बिलासपुर के CIMS में संक्रमण के चलते 7 माह की बच्ची की मौत हो गई। जिसके बाद बच्ची के माता-पिता दोनों फरार हो गए।
CIMS बिलासपुर में भर्ती
आप को बता दें की प्रशासन की टीम उनके गांव तक भी पहुंची, लेकिन वहां भी घर में ताला लगा मिला।मस्तुरी के पचपेड़ी गांव में रहने वाली 7 माह की बच्ची आहना बीमार चल रही थी ।जिसके बाद उसका टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर 28 अप्रैल को पिता देव कुमार मार्शल ने बच्ची को CIMS बिलासपुर में भर्ती करा दिया। अगले दिन 29 अप्रैल को बच्ची की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों को दी गई, लेकिन वह नहीं आए
घर में ताला
इसके बाद प्रशासन की टीम गांव तक पहुंची, पर घर में ताला लटका मिला बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई। इस पर प्रशासन ने मस्तुरी के BMO (ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर) को बच्ची के गांव भेजा। वहां मकान में ताला लटका हुआ था। गांव वालों से इस संबंध में जानकारी जुटाई गई, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। शव 3 दिन से मोर्चरी में रखा हुआ है। बच्ची के माता-पिता दोनों गायब हैं और वे मजदूरी करते हैं।
72 घंटे तक परिजनों का इंतजार
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि नियमानुसार 72 घंटे तक परिजनों का इंतजार किया जा सकता है। बच्ची की मौत के बाद उन्हें सूचना दी गई थी, लेकिन वे नहीं आए। गांव में भी उनके घर में कोई नहीं मिला। अब आज तहसीलदार नियमानुसार बच्ची का अंतिम संस्कार कर सकते हैं।
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