रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू और अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऋचा जोगी को फर्जी जाति मामले में हाई पावर कमिटी ने गोंड आदिवासी मानने से इनकार कर दिया है। ऋचा जोगी के 2020 में बने गोंड जाति के प्रमाण पत्र को कमिटी ने निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही मुंगेली कलेक्टर को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा उपचुनाव के दौरान ऋचा जोगी की जाति के प्रमाणपत्र का मुद्दा उठा था। उनकी जाति गोंड को जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति जिला मुंगेली के खारिज कर दिया था। इसके बाद उनका नामांकन निरस्त कर दिया था। इसकी शिकायत संतकुमार नेताम ने की थी। उन्होंने ही पूर्व मुख्यमंत्री जोगी की जाति को लेकर भी शिकायत की थी। इसके बाद यह प्रकरण उच्च स्तरीय छानबीन समिति के पास गया
आदिवासी विकास विभाग के सचिव डीडी सिंह की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के उस दावे को खारिज कर दिया जिसके मुताबिक उन्होंने अपने पूर्वजों को गोंड जनजाति का बताया था। समिति ने 16 पृष्ठ के फैसले में छानबीन समिति ने ऋचा जोगी का दावा खारिज करने के लिए विजिलेंस सेल की रिपोर्ट, ऋचा जोगी की ओर से दिए गए भूमि और शैक्षणिक दस्तावेज और उनके पुरखों के गांव के लोगों के बयानों को आधार बनाया है। छानबीन समिति का निष्कर्ष है, ऋचा जोगी अपने पुरखों के गाेंड जनजाति का होने का दावा प्रमाणित नहीं कर पाईं।
आदेश में ये भी कहा गया है कि किसी भी राजस्व दस्तावेज में ऋचा जोगी या उनके परिवार की सामाजिक स्थिति में जाति का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। कमिटी के मुताबिक जांच के दौरान ऋचा जोगी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया। लेकिन वो अपनी जाति को साबित नहीं कर सकी। लिहाज उनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने का आदेश हाईपावर कमिटी ने दिया है।