Unique Temple:
बालोद। अक्सर लोग भूत और डायन जैसी शक्तियों से डरते हैं और माना जाता है कि उनकी पूजा गलत कामों की जाती है। लेकिन आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक अनोखा मंदिर(Unique Temple) है जहां प्रेत की देवी परेतिन दाई की पूजा शुभ-मनोकामना को पूरा करने के लिए की जाती है। यह मंदिर वहां की प्राचीन 200 साल पुरानी है जहां आसपास के लोग मंदिर के दर्शन कर पूजा-अर्चना करने आते हैं।
परेतिन दाई की होती है पूजा
इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां प्रेत की देवी की पूजा तो होती है साथ में नवरात्रि में 9 दिनों का मेला भी लगाया जाता है। जिसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं इस मंदिर में 9 दिनों के लिए ज्योत भी जलाई जाती है और सबकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
बालोद जिले के गुंदेरदेही विकासखण्ड के झिका गांव में स्थित इस मंदिर में परेतिन दाई की एक मूर्ति स्थापित की गई है जिसकी पूजा स्थानीय लोग करते हैं। उनका कहना है कि यहां पहले केवल एक नीम का वृक्ष था लेकिन धीरे-धीरे मान्यताओं के बढ़ने से और लोगों की आस्था से यहां मंदिर निर्माण कराया गया। इस मंदिर का निर्माण माता में चढ़ाए गए ईंटो से हुआ है।
मान्यता के अनुसार, यदि कोई मंदिर(Unique Temple) के सामने से बिना सर झुकाए हुए जाता है तो आगे जाकर उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसीलिए लोग यहां से बिना सर झुकाए आगे नहीं बढ़ते हैं। साथ ही कोई भी व्यापारी माता में बिना कुछ आगे नहीं जाता वरना उसके साथ कोई दुर्घटना घटित हो सकती है। चाहे कोई अपनी श्रद्धा से एक पत्थर, हरी घास, पैरा, मिट्टी ही क्यों न चढ़ा दे पर कुछ चढ़ाना अनिवार्य होता है।
इस मंदिर में ईट बहुत मात्रा में चढ़ाई जाती है और इन ईंटो की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि गांव के सारे विकास निर्माण कार्य इन्हीं ईंटो से कर लिए जाते हैं।
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