नक्सलियों का आत्मसमर्पण करने कि प्रक्रिया चल रही है। सुकमा में एक-एक लाख के दो इनामी नक्सली सहित तीन नक्सलियों ने सीआरपीएफ डीआईजी योज्ञान सिंह और एसपी सुनील शर्मा के सामने आत्मसमर्पण किया। ये तीन नक्सली राज्य शासन के पुनर्वास नीति और जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘पुना नर्कोम’ अभियान (नई सुबह की ओर) से प्रभावित होकर, जिसमें नक्सलियों की खोखली, हिंसक विचारधारा और प्रताड़ना से तंग आकर समाज के मुख्यधारा में शामिल हो जाते है।
एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन की पुनर्वास नीति और जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ” पुना नर्कोम अभियान” के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार, बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने, स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़े 3 नक्सली सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया है।
इन्होंने किया आत्मसमर्पण-
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में रमेश मड़कम उर्फ जीवन एलओएस सदस्य, सीतानदी एरिया कमेटी अन्तर्गत (मैनपुर-नुआपाड़ डिवीजन) इनामी 1 लाख रूपये) उम्र 25 वर्ष निवासी डोकपाल थाना किस्टाराम। कवासी जोगा (सीएनएम कमांडर, दुलेड़ आरपीसी अन्तर्गत इनामी 1 लाख रूपये ) उम्र 35 वर्ष निवासी मिनपा थाना चिंतागुफा जिला सुकमा। दुधी भीमा (जोनागुड़ा मिलिशिया प्लाटून सदस्य) निवासी टेकलगुड़ा थाना जगरगुण्डा ने सरेंडर किया।
सुकमा स्थित सीआरपीएफ डीआईजी ऑफिस में पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की राहत और पुनर्वास नीति के तहत दस-दस हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदाय किया गया। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी
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