हाल में केंद्र सरकार के द्वारा खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदले जाने को लेकर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच खीचतान शुरू हो गई है। प्रदेश में ढाई साल के शासनकाल में कांग्रेस सात योजनाओं और एक पुरस्कार का नाम बदल चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने इसकी सूची जारी करते हुए कांग्रेस से सवाल किया है। वहीं, कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि अंगुली भी न कटाई हो ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे?
पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य में बदली गई योजना की सूची जारी की
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने सरकारी आदेश की प्रति जारी करते हुए बताया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अब तक सात योजनाओं का नाम बदल दिया है। इसमें छह पंडित दीनदयाल उपाध्याय और एक राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम की योजना शामिल है।
वहीं, राज्य सरकार ने दीनदयाल हथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का नाम बदलकर राज राजेश्वरी करणा माता प्रोत्साहन पुरस्कार योजना कर दिया है। डा. रमन ने कहा कि अब केंद्र सरकार ने नाम बदला है तो कांग्रेसी क्यों हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी सिर्फ एक परिवार की भक्ति तक ही सीमित हैं।
कांग्रेस का पलटवार
उधर, छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य व प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि मेजर ध्यानचंद हाकी के जादूगर थे, उनके प्रति पूरा देश श्रद्धावनत है, लेकिन स्व.राजीव गांधीजी के नाम पर से हटाया गया खेल अवार्ड उन्हें अपमानित करने के उद्देश्य से किया गया है। वैसे भी जिनके किसी भी नेता ने देश की आजादी से लेकर उसके नवनिर्माण में देश की एकता और अखंडता के लिए अंगुली भी न कटाई हो, ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे।
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