छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में नक्सलियों द्वारा उपयोग किए जा रहे ड्रोन फोर्स के लिए मुसीबत बन गए हैं। नक्सली इन ड्रोन के माध्यम से कैंप के आसपास की गतिविधियां साथ ही वहां कितने लोग और कितने हथियार हैं आदि की जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे में नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए फोर्स एंटी ड्रोन सिस्टम की तलाश कर रही है। इसके लिए देश व दुनिया की कई कंपनियों से बात चल रही है।
एंटी ड्रोन सिस्टम लगाकर फोर्स नक्सलियों के ड्रोन की वेबलेंग्थ व फ्रीक्वेंसी गड़बड़ कर सकती है। इलेक्ट्रानिक माध्यम से उन्हें जाम कर सकती है और मारकर गिरा भी सकती है। बाजार में हाल के दिनों में इस तरह के एंटी ड्रोन उपकरण आए हैं। पुलिस पता कर रही है कि यह कितने उपयोगी हैं और किस कंपनी का इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाना उचित होगा।
जल्द ही बस्तर के अति नक्सल प्रभावित कैंपों में एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया जाएगा। दरअसल, आधुनिक युद्धकला में मानवरहित विमान या ड्रोन का बहुत महत्व है। पिछले साल सुकमा जिले के पालोड़ी व किस्टारम कैंपों के ऊपर ड्रोन देखे गए। हालांकि जब तक जवान एक्शन लेते, ड्रोन गायब हो गए थे। यदि फोर्स इस तरह की तकनीक का उपयोग करता है तो नक्सलियों का सटीक जानकारी भी फोर्स को मिल पायेगी।