छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में कोरोना का संक्रमण रिकार्ड तोड़ बढ़ रहा है। प्रदेश में रविवार को कोरोना के 40 हजार 53 टेस्ट हुये। इसमें 7302 लोग पॉजिटिव पाये गये हैं। यह महामारी के पिछले एक वर्ष में एक दिन में मिले मरीजों की सर्वाधिक संख्या है।रविवार को प्रदेश भर में 5250 मरीज मिले थे। यानी एक दिन में ही नये मरीजों की संख्या में 2052 मरीजों का इजाफा हो गया। वहीं अब प्रदेश में वैक्सीन का संकट भी सामने आ रहा है।
पश्चिम बंगाल से 3.50 लाख वैक्सीन के डोज सोमवार को तड़के राजधानी पहुंची। वैक्सीन के पूरे डोज दोपहर से पहले ही 23 जिलों में बांट दिए गए और स्टोर में एक वायल तक नहीं बचा। नक्सल प्रभावित पांच जिलों नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के लिए तो टीके बचे ही नहीं। इसलिए वहां से वैक्सीन वैन नहीं बुलवाई गई थीं।
जो टीके बांटे गए, वह आज और कल तक खत्म हो जाएंगे। उसके बाद बुधवार के लिए प्रदेश के अधिकांश जिलों में फिर वैक्सीन नहीं बचेगी। अफसरों को यह भी स्पष्ट नहीं है कि वैक्सीन की अगली खेप कब और कितनी आने वाली है।
प्रदेश में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से अब टीके की छोटी-छोटी खेप आ रही है। करीब एक हफ्ते पहले ही टीके की सप्लाई लगातार हो रही थी, इसलिए शासन ने प्रदेश में रोजाना 4 लाख टीके लगाने का टारगेट तय कर दिया। लेकिन यहां अब इतनी सप्लाई भी नहीं मिल रही है कि दिन में दो लाख टीके लगाए जा सके।
पता नहीं टीके कब आएंगे?
प्रदेश में लगातार कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं, तब से ही टीकाकरण को लेकर लोगो की जागरूकता भी बढ़ी है। लेकिन पिछले लगभग दो हफ्ते से वैक्सीन की सप्लाई को लेकर अनिश्चितता बढ़ने लगी है। डॉ. अमरसिंह ठाकुर से सवाल किया कि अगली खेप कब आ रही है? तब उन्होंने कहा कि कुछ भी निश्चित नहीं है। उन्होंने कहा कि टिकों के मामले में राज्य की भूमिका केवल रिसीविंग एंड वाली है। हमारी कोशिश यही है कि प्रदेश में टीकाकरण पर ब्रेक न लगे। लेकिन टीके तभी तक लगते रहेंगे, जब तक वैक्सीन मिलती रहेगी।
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