राजनंदगांव। जिले में लाॅकडाउन के दौरान किसानों को खाद नहीं मिलने से हो रही परेशानी व धान का संग्रहण नहीं होने के कारण धान की बर्बादी को लेकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा बीते दिनो बारिश के बाद किसान खेती शुरू नहीं कर पाने से और भी परेशान होने लगी है. दअरसल जून के महीने में हुई अच्छी बारिश के बाद किसान खेत में हल जोतने निकल पड़े है.
लेकिन इस बीच सोसायटियों से किसानों को खाद नही मिलने से किसानों को खेती की शुरूआत करने में परेशानी हो रही है. वहीं बाजार में व्यापारियों द्वारा दोगुने दाम पर खाद बिकने से किसान हलकान हो रहे है. अधिकारी लाॅकडाउन के वजह से खाद नही मिलने की बात कर रहे है. दरअसल जिले के किसान जून के महीने में खेती किसानी शुरू करते है. लेकिन समय के पहले मई में बारिश के बाद किसानों ने खेत में हल चलाना शुरू कर दिया है.
दुसरी ओर उनकी चिन्ता खाद नही मिलने से बढ़ चुकी है. चुकिं सोसायटी से खाद लेने वाले किसानों को ऋण राशि लेने की खातिर स्वीकृति करानी पड़ती है. लेकिन कोरोना को लेकर लगाए लाॅकडाउन की वजह से काम अधर में रूका हुआ है. इसकी वजह से खाद मिलने में देरी हो रही है
2 से 3 गुना दाम में बेची जा रही खाद
किसानों ने बताया कि एक ओर कोरोना महामारी की वजह से हमें काफी परेशनीयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दुसरी ओर क्षेत्र में बारिश के बाद खेती किसानी की समय में सोसायटी में खाद नही मिल पा रहा है. उन्होने बताया कि अगर वह व्यापारियों से खाद खरीद रहे है तो 2 से 3 गुना दाम पर व्यापारियों द्वारा खाद बेची जा रही है. इसलिए किसानों को खेती काम शुरू करने में काफी परेशानी हो रही है.
संग्रहण नहीं होने से धान की हुई बरबादी
विक्रांत सिंह ने कहा की राजनांदगांव जिले के अभी तक धान सोसायटी से धान को धान संग्रहण केन्द्रो तक नही पहुंच पायी है जिसके चलते बारिश में भीगने से कई खरीदी केन्द्रों में धान में अंकुरण आ गए हैं तो कई केन्द्रों में धान सड़ रहा है. धान की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए भाजपा द्वारा पूरे जिले में कमेटी का गठन किया गया है. हम धान खरीदी केन्द्रों का दौरा करके देखेंगे कि कितना धान का उठाव हुआ है और कितना धान अंकुरित हुआ है. जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि प्रदेश में अभी भी धान खुले आसमान के नीचे में है तथा बारिश में भीग रहा है.
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