रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सोमवार को बूढ़ादेव यात्रा निकाली गई। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और सर्व आदिवासी समाज द्वारा यह संयुक्त आयोजन किया गया था। इसमें एक बड़े जुलूस का भी आयोजन किया गया। इस जुलूस में प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोगों ने भाग लिया।
इस यात्रा में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से आदिवासी अपने आराध्य बूढ़ादेव के रथ लेकर आए थे। इनमें बूढ़ादेव की आकृति और ज्योत जलाई गई थी। सभी गांवों से मिट्टी लाई गई। इस मिट्टी को बूढ़ातालाब में डाला जाएगा।
जो भी लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे उन्होंने यहां पर छत्तीसगढ़ी माता की आरती की। फिर आदिवासी रीति रिवाज से बुढ़ादेव की प्रतिमा की पूजा-अर्चना की गई। इस पूजा में आदिवासी समुदाय के कई नेता शामिल हुए।
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अमित बघेल, भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता नंदकुमार साय, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम भी शामिल हुए थे। यह यात्रा फूलचौक, शारदा चौक, जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड होते हुए बुढ़ापारा स्थित धरना स्थल पहुंची।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल ने बताया कि अब बूढ़ा तालाब में बुढा देव की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी चल रही है। बहुत जल्द यहां प्रतिमा स्थापित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
आगे उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही बूढ़ा तालाब में आदिवासी समुदाय के आराध्य बूढ़ादेव की पूजा होती रही है। इसलिए इस तालाब का नाम बूढ़ा तालाब रखा गया है। लेकिन कुछ बाहरी लोग हैं जो इसका नाम बदलकर विवेकानंद सरोवर रखने की कोशिश कर रहे हैं। यह बाहरी संस्कृति की साजिश है हम इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। आगे उन्होंने कहा कि यदि स्वामी विवेकानंद के नाम पर कोई तालाब रखना है तो दूसरा तालाब खोद लें लेकिन इस तालाब का नाम नही बदला जाएगा।
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