गरवा ह कार ला रोकिस अऊ सरकार के योजना ला छेकिस :- गुप्तचर
गुप्तचर विक्रम प्रधान … रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार रोका छेका अभियान का बढ़- चढ़कर बैनर- पोस्टर से प्रचार कर रही है, लेकिन इस योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही नज़र आ रही है। बात करें मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र की तो वह भी रोका-छेका में संसाधन वहां उपलब्ध नहीं कराए जाने से पूरी योजना केवल प्रचार अभियान का हिस्सा मात्र बनकर रह गई है। ऐसे ही कई वादें बेबुनियाद दिखाई देते है। सरकार के अभी तक के दावें है कि जानवरों की सुरक्षा होगी, फसलों का नुक़सान नहीं होगा और सडकों से जानवरों को दूर रखा जाएगा।
लोगों का मनना है कि सरकार केवल बातों की खेती करती है और इस बात को यह तस्वीर कहीं न कहीं बयां भी कर रही है। फोटो उस क्षेत्र की है जहां से प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्री चुके गए है, ऐसे में आप राज्य के अन्य इलाकों की कल्पना खुद कर सकते हैं। तस्वीर दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र की है यह इलाका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विधानसभा क्षेत्र है।
राज्य शासन ने रोका-छेका अभियान के तहत शहर में खुलेआम घूमने वाले मवेशियों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए थे । पूरा अभियान चंद दिनों में ही धरातल पर नजर आ रहा है। शहर में खुलेआम मवेशी घूमते देखे जा सकते हैं। बाजार और भीड़ वाले क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां मवेशियों के कारण आए दिन जाम जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। शहर के पशु पालक केवल दूध देने वाले मवेशियों पर भी ध्यान देते है लिहाजा जानवर सड़कों पर दिन रात गुजारते है। इसका नतीजा शहर में अव्यवस्था के रूप में सामने आ रही है।
दुर्घटना को दे रहे न्योता
हमे पता है कि सड़कों पर जानवरों के आवारा घूमने के कारण लोग बड़ी संख्या में दुर्घटना का शिकार होते है। जिसके वजह से कई बार उन्हें अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है। रोका- छेका अभियान आने के बावजूद प्रदेश की यह तस्वीरें चिंताजनक है।