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कांग्रेस में रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर टकराव, PK के पार्टी में खास दर्जे पर राहुल-प्रियंका राजी, कुछ सीनियर्स को ऐतराज, सोनिया लेंगी अंतिम निर्णय

नई दिल्ली। दिल्ली में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी PK ने तकरीबन दो महीने पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। उनकी इस मुलाकात के बाद से ही यह करीब-करीब तय हो गया था कि PK कांग्रेस जॉइन करेंगे और उन्हें पार्टी में दर्जा भी खास मिलेगा। इस बात पर राहुल और प्रियंका तो राजी हैं, किंतु कुछ सीनियर्स ऐसे हैं जिन्हें इस पर ऐतराज है। तो, अब फाइनल फैसला सोनिया गांधी का होगा।
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जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस में लीडरशिप को लेकर सवाल उठा चुका G-23 ग्रुप यह नहीं चाहता है कि पार्टी में प्रशांत किशोर की एंट्री हो और उन्हें विशेष दर्जा दिया जाए। इन नेताओं ने इस मामले पर कपिल सिब्बल के घर पर एक मीटिंग भी ऑरगनाइज की थी।
जानिए PK पर तकरार की 4 वजहें
1. आगामी चुनावों में प्रशांत किशोर की अगुआई में अलग कमेटी बनेगी या फिर वह कांग्रेस के मौजूदा सिस्टम के अंतर्गत ही काम करेंगे।
2. कुछ लीडर्स का यह मानना है कि PK की वाइल्ड कार्ड एंट्री से पार्टी को फायदा नहीं मिलेगा।
3. ऐतराज जाहिर करने वालों का कहना यह है कि सोनिया-राहुल और प्रियंका को लीडर्स और वर्कर्स की सुनना चाहिए। उन्हें उनके साथ काम करना चाहिए, जो कि पार्टी में बंद हो गया है।
4. एक नेता ने यह तक कह दिया कि प्रशांत किशोर के पास जादू की छड़ी नहीं। इसके अतिरिक्त उन्हें पार्टी का कल्चर और उसकी सोच को अपनाने में भी मुश्किल आएगी।
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PK के फेवर में ये बातें
1. राहुल और प्रियंका गांधी को प्रशांत किशोर से ऐतराज नहीं है, क्योंकि दोनों के साथ PK ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साथ काम किया था। लेकिन, तब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी साथ थी, लेकिन नतीजे इस गठबंधन के पक्ष में नहीं गए थे।
2. बंगाल और तमिलनाडु में तृणमूल और DMK के लिए रणनीति भी प्रशांत किशोर ने ही बनाए और इस सफलता से प्रभावित कुछ कांग्रेस लीडर्स का कहना है कि PK को शामिल करना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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कांग्रेस को क्यों है PK की जरूरत?
लगातार चुनावी हारों के सिलसिले ने कांग्रेस आलाकमान को परेशान कर दिया है और अब पार्टी को एक नई सूरत और नई सोच की जरूरत है। इसके अतिरिक्त अहमद पटेल की मृत्यु के बाद सोनिया गांधी को एक नए सलाहकार की जरूरत है और उनकी यही तलाश उन्हें PK तक ले आई है। जुलाई में जब प्रशांत किशोर सोनिया, राहुल और प्रियंका से मिले थे, तब भी उनके रोल को लेकर बहुत लंबी चर्चाएं हुई थी। प्रशांत किशोर ने कई ऐसे प्लान शेयर किए, जिन्हें पार्टी में अपनाए जाने की आवश्यकता है।
क्या हैं कांग्रेस का गेम प्लान?
सोनिया, राहुल, प्रियंका ने पार्टी के लिए बड़ा गेम प्लान बनाया। जुलाई में हुई मीटिंग के दौरान प्रशांत किशोर के साथ भी इसकी चर्चा हुई। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रशांत किशोर का बड़ा रोल चाहती है, ताकि इससे वह निर्णायक लड़ाई के लिए पार्टी को तैयार कर सकें।

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