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देश में कोरोना का कहर जारी, एक साल के संक्रमित बच्चे को नहीं मिला बेड, अस्पताल के बाहर तोड़ा दम

विशाखापट्टनम| देश में कोरोना का कहर जारी हैं| अस्पतालों में बेड की भारी किल्लत है, इसके चलते कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दे रहे हैं। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया है।

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दरअसल यहाँ, एक मां अपने कोरोना संक्रमित एक साल के बेटे के लिए अस्पताल वालों से गुहार लगाती रही, लेकिन बेड की कमी की वजह से उसे अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। कुछ देर बाद मासूम ने अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया और बेबस मां उसे देखती ही रह गई।

जानिए पूरा मामला:

यह दर्दनाक मामला विशाखापट्टनम के किंग जॉर्ज अस्पताल के बाहर का है। मंगलवार को एक परिवार अस्पताल पहुंचा। उनका एक साल के बेटे की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। अपने बेटे को तड़पते देख बेबस मां ने अस्पताल वालों से बच्चे को भर्ती करने की कितनी गुहार लगाई, लेकिन अस्पताल वालों ने बेड की कमी की वजह से मासूम को भर्ती करने से मना कर दिया।

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बच्चा एंबुलेंस में हांफ रहा था, उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। करीब एक घंटे तक मां गिड़गिड़ाती रही, रोती रही, बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मिन्नतें करती रही, लेकिन अस्पताल वालों ने बेड की कमी के चलते मासूम को भर्ती नहीं किया। आखिरकार मासूम ने मां के सामने ही दम तोड़ दिया।

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बता दें कि किंग जॉर्ज अस्पताल 150 साल से भी ज्यादा पुराना है और आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, लेकिन इस अस्पताल ने भी बेड की कमी की वजह से बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। मासूम की मौत ने आंध्र प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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