छत्तीसगढ़

राहत की खबर: छत्तीसगढ़ में दम तोड़ रहा कोरोना, टेस्ट का सिलसिला जारी, बचाव हेतु आवश्यक नियमों का पालन करने की अपील

राजनांदगांव| कोरोना संक्रमण की रफ्तार न के बराबर हो जाने से जिले में लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक नियमों का पालन करने की अपील के साथ-साथ कोरोना जांच करने का सिलसिला जारी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद पुनः दुकान-बाजार के खुल जाने पर वहां आने-जाने वालों की जांच की जा रही है।

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लॉकडाउन के बाद अनलाक होने पर पहले दिन शहर में 3,00 लोगों की कोरोना जांच करने का लक्ष्य रखा गया। वहीं जिले में कुल 3,460 लोगों की कोरोना जांच की गई जिसमें सिर्फ 33 की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई। शहर की दुकानों व मंडी के अलावा ब्लाक मुख्यालयों में भी कोरोना जांच की गई।
साथ ही लोगों को समझाइश दी गई कि,कोरोना संक्रमण का दौर नियंत्रण में जरूर है लेकिन खतरा अभी भी पूरी तरह नहीं टला है और ऐसे में सतर्कता व सावधानी बेहद जरूरी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का उपयोग करें, हाथों को समय-समय पर सैनेटाइज करें, आवश्यक शारीरिक दूरी बनाए रखें तथा बेवजह घर से बाहर निकलने से बचें। वहीं लोगों को वैक्सीनेशन के भी फायदे बताए गए।

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कोरोना से बचाव हेतु जिला प्रशासन के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए जिले भर में विभिन्न माध्यमों से जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों समेत विभिन्न चिन्हित स्थानों पर लोगों की कोरोना जांच की जा रही है।कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु जागरुकता कार्यक्रमों में ग्राम पंचायत के सरपंच-पंच के साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन को भी प्रमुखता से शामिल किया गया है। कोरोना संक्रमण की स्थिति का जायजा लेने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन डोर टू डोर संपर्क कर रहीं हैं।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन स्वच्छता पर दें रहे जानकारी
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के साथ ही माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर जिले में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के विषय में भी जागरुकता का प्रयास किया गया। जिले के कुल 207 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कोरोना प्रोटाकाल के तहत जागरुकता कार्यक्रम किए गए।

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अस्पताल पहुंचने वाली महिलाओं व किशोरियों को बैनर-पोस्टर के माध्यम से माहवारी के दौरान कपड़े के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्यगत नुकसान तथा सैनिटरी पैड के उपयोग से होने वाले स्वच्छता संबंधी फायदे बताए गए। साथ ही स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित बताते हुए उनसे सैनिटरी पैड का उपयोग करने की अपील की गई। माहवारी स्वच्छता प्रबंधन हेतु आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में क्षेत्रीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम तथा महिला एवं पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता को प्रमुखता से शामिल किया गया है।
इस दौरान महिलाओं के साथ ही विशेषकर जिन घरों में किशोरी है, वहां माहवारी स्वच्छ्ता प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। माहवारी के दौरान कपड़े के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्यगत नुकसान तथा सैनिटरी पैड के उपयोग से होने वाले स्वच्छता संबंधी फायदे बताकर महिलाओं और किशोरियों को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है।
सेहत के लिए सतर्कता और सावधानी बहुत जरूरी
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथलेश चौधरी ने बताया, “वर्तमान दौर में बेहतर स्वास्थ्य के लिए सतर्कता और सावधानी बरतना अत्यंत जरूरी है। कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने से जिले में अब काफी राहत है लेकिन कोरोना जांच के साथ ही जनजागरुकता का प्रयास जारी है।

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जिले के गांवों में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों की पहचान होने की स्थिति में उन्हें दवा किट उपलब्ध कराने के साथ ही आवश्यक उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है।इसके साथ ही 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर महिलाओं व किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के संबंध में जागरुक करने हेतु भ्रांतियों को दूर करने, बीमारियों से बचने व सावधानी बरतने के टिप्स दिए गए। माहवारी स्वच्छता पर जोर देते हुए महिलाओं व किशोरियों को सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया गया

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