छत्तीसगढ़

डिप्टी कलेक्टर रेखा चंद्रा ने छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ को भेजा लीगल नोटिस

रायपुर: डिप्टी कलेक्टर श्रीमती रेखा चंद्रा ने छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ को मानहानि, न्यायालय के आदेश की अवमानना और मौलिक अधिकार के हनन के लिए 1 करोड़ रुपए के हर्जाने का लीगल नोटिस भेजा है। यह कदम उस समय उठाया गया जब हाल ही में रायपुर के प्रेस क्लब में संघ द्वारा फर्जी दिव्यांग होने के आरोप लगाए गए थे।

रेखा चंद्रा की नियुक्ति 2019 में दिव्यांगता कोटे के तहत डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुई थी। उनकी पहली नियुक्ति कबीरधाम जिले में हुई थी। 2019 में, किसी अज्ञात व्यक्ति ने पूर्व मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी दिव्यांगता के संबंध में शिकायत की थी, जिसके परिणामस्वरूप कवर्धा कलेक्टर ने संभाग मेडिकल बोर्ड दुर्ग को जांच के लिए पत्र लिखा। जांच में पाया गया कि रेखा चंद्रा का दिव्यांगता प्रमाण पत्र (57%) में वृद्धि हुई है।

कलेक्टर कवर्धा ने शिकायत को निराधार बताते हुए जांच का प्रतिवेदन दुर्ग संभाग के कमिश्नर को भेजा, जिसने इसे नस्तीबद्ध करने के लिए मुख्य सचिव को रिपोर्ट की।

कानूनी कार्रवाई
पिछले वर्ष, छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने जनहित याचिका क्रमांक (36/2023) दायर की, जिसमें रेखा चंद्रा को सामान्य प्रशासन विभाग से जांच कराने के लिए नोटिस जारी किया गया। इस स्थिति के विरोध में रेखा चंद्रा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने शासन से जवाब तलब किया। बाद में, डिवीजन बेंच ने संघ को फटकार लगाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।

अवैध वसूली का आरोप
कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई कि संघ के सदस्यों द्वारा विभिन्न विभागों में पदस्थ दिव्यांग कर्मचारियों से अवैध वसूली की जा रही है। सरकार में बदलाव और सुर्खियों में बने रहने के लिए, छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने जुलाई में प्रेस रिलीज जारी कर 26 व्यक्तियों के फर्जी दिव्यांग होने का आरोप लगाया। इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप, रेखा चंद्रा ने अपने वकील अभ्युदय त्रिपाठी के माध्यम से लीगल नोटिस भेजा है। इस मामले ने अब कानूनी मोड़ ले लिया है और इसकी आगे की सुनवाई का सभी को बेसब्री से इंतजार है।

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