प्यास बुझाने के लिए पानी से अच्छा कोई विकल्प नहीं है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पानी पीना लगभग हर बीमारी का इलाज माना जाता है। यह न केवल हमारे शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करता है, बल्कि शरीर को दिनभर तरोताजा रखने में भी मदद करता है।
डॉक्टर अच्छी सेहत के लिए दिनभर में कम से कम 8 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। लेकिन हम दिनभर में कितना पानी पीते हैं, ये ही हमारे लिए काफी नहीं है, बल्कि हम पानी कैसे पीते हैं, ये जानना बहुत जरूरी है।
ज्यादातर लोगों को खड़े होकर पानी पीने की आदत होती है। जल्दबाजी में कई बार खड़े-खड़े ही पानी पी लिया या फिर बोतल ही मुंह से लगा डाली। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो संभल जाइए। क्योंकि खड़े होकर पानी पीने से जाने-अनजाने में हम कई बीमारियों को न्यौता देते हैं। इस स्थिति में पानी पीना सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।
खड़े होकर पानी पीने से कौन से नुकसान हो सकते हैं
* जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो, तब इसोफेगस के जरिए प्रेशर के साथ पानी पेट में तेजी से पहुंचता है। इससे आपके पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है।
* आपने कई बार बड़ों को कहते सुना होगा कि खड़े होकर पानी पीने से घुटनों में दर्द होता है। यह सही है। इस आदत के चलते घुटनों पर दबाव पड़ने लगता है, जिससे आर्थराइटिस की समस्या हो सकती है।
* जब बैठे होते हैं तो मसल्स और नर्वस सिस्टम रिलैक्स होती हैं। पानी आसानी से पच जाता है। जबकि खड़े होकर इसे पीने से अपच की समस्या पैदा होती है।
* खड़े होकर पानी पीने से तेजी से पानी फूड पाइप द्वारा पेट में जाता है। ये आसपास के अंगों और पेट को नुकसान पहुंचाता है। पाचन क्रिया को बिगाड़ता है।
* किडनी का काम पानी को सही ढंग से छानना होता है। जब खड़े होकर पानी पीते हैं तो ये अपना कार्य ठीक तरह से नहीं कर पाती है। कारणवश, पानी सही तरह से छनता नहीं है। यूरीन साफ नहीं आता और गंदगी किडनी में ही रुक जाती है। इसके चलते किडनी की समस्या, यूरीन में इंफेक्शन और जलन महसूस होती है।