रायपुर में कचरे का खेल : निगम करती है 30 दिन की वसूली लेकिन महीने में पंद्रह दिन ही आती है कचरा गाड़ी
रायपुर। राजधानी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत रामकी कंपनी द्वारा किए जा रहे डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के एवज में निगम द्वारा यूजर चार्ज की वसूली शत-प्रतिशत की जा रही है। यूजर चार्ज की वसूली अगस्त से सभी 70 वार्डों में अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन अधिकांश वार्डों में कचरा गाड़ी एक-एक दिन के बाद घरों में पहुंच रही है। जिससे रोज का कचरा घरों में एकत्रित करके रखना पड़ता है। यह स्थिति बड़े वार्डों की है, जहां कचरा कलेक्शन के लिए एक या दो वाहन कंपनी द्वारा दिए गए हैं। शिवानंदनगर, श्रीनगर और गुढ़ियारी जैसे इलाके में यूजर चार्ज की रसीद में तीस दिन की वसूली की जाती है।
जीपीएस सिस्टम हो गया फेल
दरअसल, शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम द्वारा की गई मानीटरिंग की व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। रायपुर स्थित स्मार्ट सिटी दफ्तर से कचरा वाहनों की जीपीएस सिस्टम से निगरानी भी कागजों तक ही सीमित हो गई है। कचरा वाहन तय स्थानों पर नहीं पहुंचने के बाद भी संबंधित सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों (एएचओ) को सूचना तक नहीं पहुंचाई जा रही है। ऐसे में कचरा वाहन चालकों व सफाई कर्मचारियों की मनमानी के कारण कचरा प्रबंधन की व्यवस्था ध्वस्त होती जा रही है।
दिवाली के पहले से नाली की नहीं हुई साफ
बीते दो सप्ताह से शहर के कई कालोनियों की सफाई व्यवस्था ठप है। सड़कों में पटाखों का कचरा आज तक बिखरा हुआ है। इसके अलावा नालियां भी पटाखों के कचरे से पट गईं हैं। कई इलाकों में बीते 20 दिन से झाडू भी नहीं लगी है। सफाई व्यवस्थ्या शहर के मुख्य मार्गों तक सिमट कर रह गई है। इन दिनों शहर में पसरी गंदगी के कारण मच्छरों की संख्या में इजाफा हुआ है।