छत्तीसगढ़

सेवा समाप्त होने पर बोले डॉ शाहिद अली, कहा- मुझे झूठे मामले फंसाया गया…

रायपुर : कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शाहिद अली को बर्खास्त कर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने उनकी सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया है। यह आदेश यूनिवर्सिटी के कुलसचिव चंद्रशेखर ओझा ने जारी किया है। वहीं अब बर्खास्तगी के बाद डॉ शाहिद अली ने अपना पक्ष रखा है।

 

प्रोफेसर डॉ शाहिद अली अपना पक्ष रखते हुए षड्यंत्र करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि – “मुझे झूठे मामले में षड्यंत्र करके फंसाया गया है। मेरे विरुद्ध निधि छिब्बर छत्तीसगढ़ लो RCक आयोग ने किसी भी प्रकार की अनुशंसा नहीं की है। राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग ने भी मेरे विरुद्ध कोई जांच के आदेश नहीं दिए है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ने मेरे किसी भी दस्तावेजों को फर्जी या झूठा साबित नहीं किया है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने मुझे कभी कोई आरोप पत्र नहीं दिया है । तथाकथित सूक्ष्म जांच समिति के अध्यक्ष राममोहन पाठक से मेरे खिलाफ कुलपति ने कूटरचित और कपटपूर्ण रिपोर्ट बनवाईं है। एक पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आप जैसे विद्वान पत्रकारों और न्यायप्रिय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के शासन में एक अयोग्य कुलपति की नादिरशाही का मुझे शिकार बनाया गया है। मेरे जीवन भर की तपस्या और कैरियर से खिलवाड़ किया गया है। कार्यपरिषद के माननीय सदस्यों से अनुरोध है मुझे आप लोग सुनवाई का अवसर दीजिए और कुलपति के सामने मुझे सुनिए। सुनवाई के बाद आप जो फैसला लेंगे मुझे स्वीकार होगा।”

 

“वहीं सूक्ष्म जांच समिति के अध्यक्ष डॉ राम मोहन पाठक के पुत्र किंशुक पाठक भी आवेदक थे और साक्षात्कार भी दिया। 2005 की चयन समिति में स्वयं डॉ राममोहन पाठक एक्सपर्ट सदस्य थे। फिर ये सूक्ष्म जांच समिति के अध्यक्ष कैसे हो गए?”

 

जानकारी के अनुसार जनसंचार विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शाहिद अली पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेत के आधार पर नौकरी की। इस मामले में शाहिद अली ने हाईकोर्ट का भी रास्ता अपनाया था, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। अब कार्यपरिषद ने एसोसिएट प्रोफेसर शाहिद अली को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है।

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