सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) अब ‘मेटा’ (Meta) नाम से जाना जाएगा। फेसबुक के फाउंडर और CEO मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को एक कॉन्फ्रेंस के दौरान यह घोषणा की।
उन्होंने मेटावर्स के लिए अपने विजन के बारे में भी बताया। जुकरबर्ग ने कहा हमारे ऊपर एक डिजिटल दुनिया बनी है, जिसमें वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट और एआई शामिल है। हम मानते हैं कि मेटावर्स मोबाइल इंटरनेट की जगह ले लेगा।
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मार्क जकरबर्ग ने घोषणा की थी कि कंपनी महज एक सोशल मीडिया कंपनी से आगे बढ़कर ‘‘मेटावर्स कंपनी’’ बनेगी और ‘‘एम्बॉइडेड एंटरनेट’’ पर काम करेगी जिसमें असल और वर्चुअल दुनिया का मेल पहले से कहीं अधिक होगा।
लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी। अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम ‘मेटा’ कर दिया गया है। जुकरबर्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले दशक के भीतर मेटावर्स एक अरब लोगों तक पहुंच जाएगा।
फेसबुक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सिलसिलेवार ट्वीट कर इस बारे में कहा, ‘जिन एप्स- इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वाट्सएप- को हमने बनाया है, उनके नाम वहीं रहेंगे।’ विभिन्न एप और तकनीकों को इस नए ब्रांड के तहत लाया जाएगा।
हालांकि कंपनी अपना कारपोरेट ढांचा नहीं बदलेगी। कंपनी के आग्मेंटेड रियल्टी कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि नया नाम मेटावर्स के निर्माण पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा।
बता दें कि आज के दौर में सोशल मीडिया के जितने भी प्लेटफॉर्म्स हैं, उनमें फेसबुक का रूप व्यापक हो चुका है। एक आंकड़े के मुताबिक फेसबुक ने 9.1 अरब डॉलर की शुद्ध आय दर्ज की है। यह उसकी पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 17 प्रतिशत ज्यादा है।
फेसबुक ने नाम क्यों बदला?
जिस तरह गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट है, उसी तरह एक पेरेंट कंपनी के अंदर फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और कंपनी के दूसरे प्लेटफॉर्म आएंगे। ये बदलाव मेटावर्स पर फोकस करने के लिए किया गया है।
बता दें कि ‘मेटावर्स’ शब्द का प्रयोग तीन दशक पहले डायस्टोपियन उपन्यास में किया गया था। हालांकि फिलहाल यह शब्द सिलिकान वैली में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल और इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है।
मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी शारीरिक तौर पर मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है। इसके लिए वर्चुअल रियल्टी का इस्तेमाल किया जाता है।
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