आस्थाछत्तीसगढ़

भंगाराम माई के फूल मेले से अब इलाके में शुरू होगा मड़ई मेले का दौर, दूर दराज से पहुंचते हैं लोग

Madai-Mela: 

कोंडागांव– केशकाल अंचल की ईष्ट देवी भंगाराम मांई का फूल मेला शनिवार को विधि विधान के साथ हुआ। ऐसा माना जाता है कि यहाँ मेलाा(Madai-Mela) होने के बाद ही इलाके में अन्य जगहों पर वार्षिक मेले की शुरुआत होती है। मेला का आनंद उठाते भंगाराम मांई एवं अन्य देवी देवताओं का यहा पहुचे लोगो ने आशिर्वाद लिया।

जानकारी के लिए बता दें कि भंगाराम मेला के दूसरे दिन कांकेर का मेला(Madai-Mela) होता है उसके बाद कांकेर जिला मे मेला लगने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो क्रमश: बढते हुए नारायंणपुर का फिर कोंडागांव का केशकाल -बिश्रामपुरी अंचल का मेला होता है। भंगाराम मांई का मेला के बाद ही कोंडागांव जिले में मेले की शुरुआत भी मानी जाती है।

ज्ञात हो कि, इसी जगह पर साल में एकबार होने वाले जात्रा के दौरान इलाके के देवी-देवता उपस्थित होते हैं और उन्हें उनके सालभर के कार्यो के अनुसार सजा भी सुनाई जाती है।

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कांकेर मेला

इस बार 8 जनवरी को कांकेर मेला(Madai-Mela)का आयोजन किया गया है। रियासतकाल से प्रारंभ हुआ मड़ई-मेले का उत्सव अंचल में आज भी धूमधाम से मनाया जाता है। कांकेर का मेला रियासतकाल से चला आ रहा है। क्षेत्र का यह बड़ा मेला होता है, जिसमें दूर दराज से लोग पहुंचते हैं।

व्यापारियों के साथ-साथ ग्रामीण भी मेले(Madai-Mela)पहुंचते हैं। देवी देवता मेले के शांतिपूर्ण ढंग से संपन्ना होने के लिए मेले का परिक्रमा करते हैं। जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे।

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