नहीं रहे जनरल बिपिन रावत, जानिए कौन हैं भारत के पहले सीडीएस
सीडीएस बिपिन रावत नहीं रहे। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार, सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में गए हुए थे। यह हादसा कुन्नूर के घने जंगल में हुआ था।
आइए जानते हैं आखिर कौन हैं भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत :
बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में एक हिंदू गढ़वाली राजपूत परिवार के घर हुआ था। उनका यह परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवा दे रहा था। उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह रावत था जो भारतीय सेना में सेवा करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे थे। उनकी मां उत्तरकाशी के पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी थीं।
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शिक्षा
बिपिन रावत ने अपनी स्कूली शिक्षा कैम्ब्रियन हिल स्कूल, देहरादून और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला से पूरी की। फिर वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शामिल हो गए। यहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया।
बिपिन रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन से भी शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने फोर्ट लीवेनवर्थ, कंसास में यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज में हायर कमांड कोर्स किया है।
उन्होंने रक्षा अध्ययन में एमफिल की डिग्री के साथ-साथ मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा किया है।
उन्होंने सैन्य-मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर शोध भी किया है जिसके लिए उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।
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मिलिट्री करियर
16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में रावत की भर्ती हुई थी। उसी यूनिट में ही उनके पिता सेवारत थे। एक मेजर के तौर पर, उन्होंने उरी, जम्मू और कश्मीर में एक कंपनी का दायित्व संभाला। कर्नल के तौर पर, उन्होंने किबिथू में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में 5वीं बटालियन 11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली।
एक ब्रिगेडियर के तौर पर, उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स के 5 सेक्टर की कमान संभाली। फिर उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में एक अध्याय VII मिशन में एक बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड का दायित्व संभाला। यहां उन्हें दो बार फोर्स कमांडर की प्रशस्ति से भी सम्मानित किया गया।
रावत का जब मेजर जनरल के पद पर प्रमोशन हुआ तो उन्होंने 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन (उरी) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में दायित्व ग्रहण किया। उन्होंने एक लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर पुणे में दक्षिणी सेना को संभालने से पहले दीमापुर में मुख्यालय वाली III कोर का दायित्व संभाला।
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उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (देहरादून) में एक अनुदेशात्मक कार्यकाल, सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2, मध्य भारत में एक पुनर्गठित आर्मी प्लेन्स इन्फैंट्री डिवीजन (RAPID) के लॉजिस्टिक्स स्टाफ ऑफिसर, कर्नल समेत स्टाफ असाइनमेंट का दायित्व संभाला। सैन्य सचिव की शाखा में सैन्य सचिव और उप सैन्य सचिव और जूनियर कमांड विंग में वरिष्ठ प्रशिक्षक। उन्होंने पूर्वी कमान के मेजर जनरल जनरल स्टाफ (MGGS) के तौर पर भी काम किया।
रावत ने सेना कमांडर ग्रेड में पदोन्नत होने के बाद, 1 जनवरी 2016 को जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) दक्षिणी कमान का पद संभाला। फिर उन्होंने 1 सितंबर 2016 को थल सेना के उप प्रमुख का दायित्व संभाला।
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चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ
भारत सरकार ने उन्हें 17 दिसंबर 2016 को 27 वें थल सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया। जब जनरल दलबीर सिंह सुहाग की सेवानिवृत्ति हुई तो इसके बाद उन्होंने 31 दिसंबर 2016 को थल सेना प्रमुख के तौर पर 27वें सीओएएस के रूप में दायित्व संभाला।
सीडीएस
जनरल बिपिन रावत ने 31 दिसंबर, 2019 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यभार ग्रहण किया और पद संभालते हुए वे भारत के पहले सीडीएस बने।
मिल चुके हैं ये सम्मान
जनरल रावत को 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा पर यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड और जनरल स्टाफ कॉलेज इंटरनेशनल हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था। दो मौकों पर रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और सीओएएस कमेंडेशन और आर्मी कमांडर कमेंडेशन से भी सम्मानित किया गया है।
Gen Bipin Rawat was an outstanding soldier. A true patriot, he greatly contributed to modernising our armed forces and security apparatus. His insights and perspectives on strategic matters were exceptional. His passing away has saddened me deeply. Om Shanti. pic.twitter.com/YOuQvFT7Et
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2021
Deeply anguished by the sudden demise of Chief of Defence Staff Gen Bipin Rawat, his wife and 11 other Armed Forces personnel in an extremely unfortunate helicopter accident today in Tamil Nadu.
His untimely death is an irreparable loss to our Armed Forces and the country.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 8, 2021
Chief of the Army Staff, General Bipin Rawat called on #PresidentKovind, the Supreme Commander of the Armed Forces at Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/Tr28ESFoen
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 27, 2017