Good Friday 2022: आखिर किस वजह से मनाया जाता है ये पर्व, जानिए क्या थे मरने से पहले यीशू के आखिरी शब्द
Good Friday 2022: फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला वह पर्व है, जिसका नाम सुनने से लगता है कि यह कोई जश्न मनाया जा रहा हो। लेकिन ऐसा नहीं है। गुड फ्राइडे को शोक दिवस के तौर पर माना जाता है। इस वर्ष गुड फ्राइडे 15 अप्रैल के दिन यानि आज मनाया जा रहा है।
कहते हैं जब यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के उपरांत जब सूली पर चढ़ाया था तो उस दिन शुक्रवार था। चूंकि ईसा मसीह ने मानव जाति के लिए हंसते-हंसते अपना जीवन की आहूति देने के लिए तैयार हो गए थे, इसलिए इस शुक्रवार को ईसाई धर्म के लोग ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाते हैं। इस दिन को ये लोग कुर्बानी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गुड फ्राइडे का इतिहास (History of Good Friday)
तकरीबन 2003 वर्ष पहले ईसा मसीह यरुशलम में रहकर मानवता के कल्याण के लिए भाईचारे, एकता और शांति के उपदेश भी देता है। सभी लोगों ने उन्हें परमपिता परमेश्वर का दूत मानने लगे थे। इस वजह झूठे और पाखंडी धर्म गुरुओं ने ईसा मसीह के विरुद्ध यहूदी शासकों के कान भरने शुरू किए थे। फिर एक दिन उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाकर सूली पर चढ़ाए जाने का फरमान जारी किया था। इससे पहले उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया। ईसा को सूली को कंधों पर उठाकर ले जाने के लिए विवश कर दिया है। आखिर में उन्हें बेरहमी से मारते हुए उन्हें कीलों से ठोकते हुए सूली पर चढ़ा दिया गया था।
ये थे ईसा मसीह के आखिरी शब्द: सूली पर लटकाने से पहले कांटों का ताज तक पहनाया गया भी उनके मुख से सभी के लिए सिर्फ क्षमा और कल्याण के संदेश ही निकल रहे थे। यह उनके क्षमा की शक्ति की अद्भुत मिसाल बन गई। प्रभु यीशु के मुख से मृत्यु पूर्व ये मार्मिक शब्द निकले, ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं…’।
आखिरी वक्त में आया ऐसा जलजला: ईसाई धर्म के पवित्र बाइबिल में यीशू को सूली पर चढ़ाए जाने की घटना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलती है। प्रभु यीशु को पूरे 6 घंटे तक सूली पर लटकाया गया था। कहा जाता है कि अंत के 3 घंटों में चारों ओर अंधेरा छा गया था। जब यीशु के प्राण निकले तो एक जलजला आ गया था। कब्रों की कपाटें टूटकर खुल गईं। दिन में अंधेरा छा गया था। इतना ही नहीं कहा जाता है कि इसी वजह से गुड फ्राइडे के दिन चर्च में दोपहर में तकरीबन 3 बजे प्रार्थना सभाएं होती हैं। मगर किसी भी प्रकार का समारोह नहीं होता है।