चीन लोगों के जीवन को नियंत्रित करती आ रही सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी अब देश में ऑनलाइन खेलों और सेलिब्रिटी संस्कृति पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। सरकार ने नए निर्देशों के अनुसार लोगों को खेल के बजाय अब लोगों को पढ़ने और काम करने पर ज्यादा ध्यान देने को कहा गया है।
बुधवार से नियम लागू हो रहे जिसमे अब 18 साल से छोटे चीनी बच्चों को सप्ताह में तीन घंटे से ज्यादा ऑनलाइन वीडियो गेम खेलने पर प्रतिबंध रहेगा जानकारों के अनुसार इसके पीछे किशोरों को देश का भविष्य बताते हुए उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का हवाला दिया जा रहा है।
एशिया क्षेत्र में मीडिया-संचार मामलों के जानकार पॉल हास्वेल का कहना है, शी जिनपिंग सरकार ऑनलाइन गेमिंग को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक खतरे के रूप में देख रही है। उसका मानना है कि ऑनलाइन रहते हुए किशोर न सिर्फ मशहूर हस्तियों पर बेवजह समय खराब करते हैं, बल्कि वे सामाजिक अभिव्यक्ति व विरोध को लेकर संगठित भी हो सकते है और इसकी निगरानी व नियंत्रण मुश्किल है। इसके अलावा ऑनलाइन ज्यादा समय बिताने से उनमें समय पर कामकाजी कौशल भी विकसित नहीं होगा।
अर्थव्यवस्था को नुकसान
नए नियमों से खेल संचालक कंपनियों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। जिससे काफी नौकरियां खत्म होंगी।
नए नियम दर्शाते हैं कि कम्युनिस्ट पार्टी बीते दशक में आई श्रमिकों की कमी के मद्देनजर युवाओं का अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहती है। यही वजह है कि 2018 में उसने मानवाधिकार, विदेशी संबंध और अन्य मसलों पर पार्टी लाइन के तहत नैतिक मुद्दों की समीक्षा के लिए पैनल बनाया था।
कंपनियों में घबराहट की स्थिति
नए नियमों को लेकर कंपनियों में पहले से ही घबराहट देखी गई। शनिवार को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म वीबो कॉर्प ने फैन क्लब और एंटरटेनमेंट न्यूज के हजारों अकाउंट निलंबित कर दिए। ऐसे प्लेटफॉर्मों को सेलिब्रिटी की लोकप्रियता सूची जारी करने से भी रोक दिया गया है। वहीं, टेंसेंट ने पहले ही रोजाना 90 मिनट की गेमिंट को घटाकर एक घंटा कर दिया था। इससे पहले, 2019 में 18 साल से छोटे गेम यूजर्स को रात 10 से सुबह आठ बजे तक खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।