कांकेर| जी हाँ, आपने सही पढ़ा…. दरअसल कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में शाम होते ही बच्चा हो या बूढ़ा, औरत हो या जवान, सभी को जेल में बंद कर दिया जाता हैं|
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गांव में हैं हाथियों का आतंक
दरअसल यहां हाथियों से जान बचाने के लिए ग्रामीणों को जेल में बंद करना पड़ रहा है| मिली जानकारी के अनुसार घनघोर जंगल मे मौजूद हाथियों के कारण कांकेर व भानुपरतापुर के कई गांवों के सैकड़ों आदिवासियों को रात होते ही इलाके में मौजूद निर्माणाधीन जेल में छिपना पड़ रहा है|
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20 से ज्यादा की संख्या में मौजूद हैं हाथी
जानकारी के मुताबिक यहाँ 20 से ज्यादा की संख्या में हाथी हैं| दिन में तो जंगल में सो जाते है और फिर रात में गांवो में घूमकर उत्पात मचाते है|
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ग्रामीणों में दहशत का माहौल
ग्रामीणों ने बताया की हमने इससे पहले ऐसा कभी नही देखा| हाथियों के ख़ौफ़ के चलते हमे शाम के 4 बजते ही खाना बनाकर बच्चों को लेकर गांवों से निकलकर जेल में आना पड़ता है और कैदियों की तरह यहां रहते है उसके बाद सुबह होते ही खेतो में काम के लिए वापस लौट जाते है|
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