Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा पर पढ़े आचार्य चाणक्य के ये स्वर्णिम विचार, वरना खो देंगे जीवन की सबसे बड़ी चीज!
Guru Purnima 2022: 13 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) का पावन त्योहार देशभर में मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में वेद व्यास जी को प्रथम गुरु माना जाता है। वेद व्यास जी के जन्मोत्सव को ही गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) के रूप में मनाया जाता है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन ही वेद व्यास जी का जन्म हुआ था।
आचार्य चाणक्य के बारे में बात करें तो वह बहुत गुणवान और विद्वान थे। कहा जाता है वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। जी हाँ और अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था।
आचार्य चाणक्य ने भी गुरु के महत्व को बताया है। आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन कर लोगों जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। आइए आज जानते हैं आचार्य चाणक्य के विचार…
आचार्य चाणक्य के अनुसार गुरु का स्थान पिता के समान होता है। जिस तरह पिता कभी भी अपने बच्चों के लिए बुरा नहीं सोच सकते हैं। ठीक उसी तरह गुरु भी अपने शिष्य के लिए कभी गलत नहीं सोच सकता है।
जीवन में कई बार व्यक्ति सही- गलत की पहचान नहीं कर पाता है। गुरु ही व्यक्ति को सही- गलत की पहचान कराते हैं।
अहंकार उसी को होता है, जिसे बिना मेहनत के सब कुछ मिल जाता है, मेहनत से सुख प्राप्त करने वाला व्यक्ति, दूसरों की मेहनत का भी सम्मान करता है।
प्रेम से भरी हुई आंखें, श्रद्धा से झुका हुआ सिर, सहयोग करते हुए हाथ, सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव और सत्य से जुड़ी हुई जीभ, ईश्वर की पसंदीदा चीजें है।
अच्छे समय से ज्यादा, अच्छे इंसान के साथ रिश्ता रखो, अच्छा इंसान अच्छा समय ला सकता है, अच्छा समय अच्छा इंसान नहीं ला सकता।
जब जीवन के बारे में सोचो तब यह सदैव याद रखना कि, पछतावा अतीत बदल नहीं सकता, और चिंता भविष्य को सवार नहीं सकती, एकाग्रता से किया गया परिश्रम ही वास्तविक चमत्कार करता है।
भूखा पेट, खाली जेब और झूठा प्रेम इंसान को जीवन में बहुत कुछ सीखा जाता है।
जिसने हर क्षण को महोत्सव बनाया हो, जिसकी शिकायतें कम हो, और जिसने हर छोटी उपलब्धि के लिए भी ईश्वर का धन्यवाद किया हो, ऐसे व्यक्ति को दुख का आभास बहुत ही कम होता है।
इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती, और मनुष्य इच्छाओं को कभी मरने नहीं देता।