रायपुर / बिलासपुर . रायपुर के बूढ़ा तालाब में वाटर स्पोर्ट्स टेंडर को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के कामकाज पर कड़ी टिप्पणी की है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई स्मार्ट सिटी नहीं है। स्वामी विवेकानंद सरोवर बूढा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स के दोबारा टेंडर करने को लेकर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के अलावा रायपुर नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को भी पक्षकार बनाया गया था। बता दें कि बूढ़ा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स का टेंडर पूर्व में एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स को दिया गया था। लेकिन बाद में इसे निरस्त कर इसका दोबारा टेंडर निकाले जाने पर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। मंगलवार को सुनवाई हुई। स्मार्ट सिटी रायपुर, नगर निगम रायपुर और वाटर स्पोर्ट्स से जुड़े तथ्यों पर बहस के दौरान कोर्ट ने शासन के कामकाज पर गम्भीर टिप्पणी की कि यहां कोई स्मार्ट सिटी नहीं है।
कोर्ट पहले भी कर चुका है टिप्पणियां
शहरी अव्यवस्था पर हाईकोर्ट पहले भी कड़ी टिप्पणी कर चुका है। बिलासपुर में ट्रैफिक, खराब सड़कें, आवारा मवेशियों से सड़क हादसे के मुद्दे पर 9 सितम्बर 2015 को डिवीजन बेंच ने कहा था कि ‘अफसर एसी चेम्बर से निकल कर देखें कि क्या हो रहा है’ । हाल ही में टीकाकरण पॉलिसी पर भी कोर्ट ने कहा कि ‘बीमारी अमीरी, गरीबी देखकर नहीं आती। ‘इसके बाद शासन ने टीकाकरण पालिसी बदली। कोरोना के इलाज में लापरवाही या ऑक्सीजन की कमी पर भी कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था।
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