आस्थागुप्तचर विशेष

यहां लगा है देश भर के तांत्रिकों का मेला, हर तरह के भूत भगाने आए लोग

देश में आज भी अन्धविश्वाश जिन्दा है गंगा के घाट पर गंगादशहरा के अवसर पर हमारे देश में अंधविश्वाशियों का मेला लगा। खुले बालों में चीखती-चिल्लाती महिलाएं और भूत भगाते ढोंगी तांत्रिक। कानपुर में गंगा किनारे देशभर के तांत्रिकों का जमावड़ा दिखाई दिया।

आप को बता दें की उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशहरा के अवसर पर गंगा घाट पर बड़ा ही अजीब दृश्य देखने को मिला। वहां अंधविश्वास का ऐसा खेल खेला जा रहा था, जो किसी भी इंसान को हैरान कर देने वाला था। घाट पर जगह-जगह तांत्रिकों की चौकी सजी हुई थी। उस पर रखे नींबू, पान, लौंग के साथ पूजा की अन्य सामान भी थे। कहीं सिर हवा में जोर से घुमाती महिलाएं दिख रही थीं, तो कहीं लड़कियों के बाल जोर से पकड़ कर बैठा तांत्रिक
गंगा किनारे टोने-टोटके से हर समस्या के निदान का दावा तांत्रिको द्वारा किया जा रहा था, तो वहीं तंत्र शक्ति का उपयोग कर भूत भगाए जा रहे थे। बिठूर के पत्थर घाट पर इस मेले की कहानी नई नहीं है, बल्कि यह बात वर्षों पुरानी है। इस मेले में दूर-दराज से लोग भूत-प्रेत उतरवाने के लिए गंगा दशहरा के दिन आते हैं।

लोगों में अंधविश्वास इस कदर हावी है कि लोगों का मानना है कि यहां इस दिन तंत्र क्रिया के माध्यम से लोगों के सिर पर आई किसी भी बाधा को आसानी से भगाया जा सकता है। हैरान करने वाली बात तो ये भी है कि यहां आने वाले लोग झाड फूंक करवाने के बाद आसानी ये भी मान लेते हैं, कि झाड़ फूक के बाद उनके परिजन की हालत ठीक हो गई है।

 

कानपुर गंगा घाट पर तांत्रिक के सामने घंटों तक चिल्लाती झूमती नजर आई एक लड़की की मां से जब बात की गई , तो उसने बताया कि वे कालपी से आए हैं। उन्होंने ने बताया की अपनी बेटी को उनलोगों ने डॉक्टर को दिखाया था, लेकिन उनकी बेटी को कोई आराम नहीं मिला। कयोंकि उनकी बेटी पर भूत आ गया था, अब झाड़ फूक के बाद वह सही हो गई है।

कालपी से वहां आए एक तांत्रिक के साथ आए उसके शार्गिद ने बताया कि करीब 28 लोगों पर से भूत उतारने के लिए यहां लाए थे, जिसमें से सिर्फ कुछ ही लोग बचे हैं, जबकि अन्य सभी का ऊपर का बहुत उतार दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार बिठूर के निवासियों का कहना है ये मेला सैकड़ों साल से लगता आ रहा है। यहां यूपी, मध्य प्रदेश के कई जिलों से लोग ऊपरी चक्कर समाप्त करवाने व भूत बाधा को उतरवाने के लिए आते हैं। ज्यादातर उसी इलाके के लोग आते हैं, जिस इलाके में गंगा नहीं बहती है। क्योकि भूत उतारने के बाद गंगा स्नान कराया जाता है।
हर वर्ष दशहरा पर यहां लगे मेले में लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है। हालांकि कोरोना महामारी के इस समय में लोगों ने गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया हैं न तो लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया, नाहीं उनके मुंह पर मास्क दिखाई दिया। ये हाल तब देखा गया, जब रविवार को लॉकडाउन लागू था।

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