Uncategorized

हाईकोर्ट ने जाहिर की चिंता, कहा- एनकाउंटर से नहीं रोका जा सकता नक्सलवाद…

झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में नक्सली घटनाओं पर चिंता जाहिर की है। अदालत ने इस विषय पर जवाब देने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को 16 सितंबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। अदालत ने डीजीपी से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है कि आखिर राज्य में नक्सली घटनाएं क्यों बढ़ रही है।
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि पिछले कुछ सालों में नक्सली वारदात में गिरावट आई थी। किंतु पिछले डेढ़ वर्ष में घटनाएं बढ़ गई हैं। यह कोई अच्छा संकेत नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि नक्सलियों से निपटने की सरकार की नीति में क्या कोई बदलाव किया गया है या फिर वही पुराने फार्मूले पर ही आपरेशन चलाए जा रहे हैं।
READ MORE: विराट ब्रिगेड ने मैनचेस्टर टेस्ट खेलने से किया इनकार, इंग्लैंड को मिला वॉकओवर, सीरीज के नतीजे को लेकर सामने आई ये बड़ी जानकारी
मौखिक टिप्पणी में अदालत ने कहा कि केवल एनकाउंटर के बलबूते नक्सलवाद पर काबू नहीं पाया जा सकता है। कार्रवाई भी होती रहे, मगर राज्य के दूरस्थ इलाकों में विकास की भी पहुंच रखनी होगी, ताकि व्यवस्था से रुष्ट होकर कोई नक्सली नहीं बने और जो नक्सली बन चुके हैं, उन्हें भी लगे कि सरकार उनके बारे में कुछ अच्छा और भला सोच रही है। वह मुख्यधारा में लौटने पर विचार करने लग जाएं। सरकार की नीति बहुत ही पुरानी है। विकास से उनमें बदलाव लाया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि राज्य में पर्यटन की बहुत सी संभावनाएं हैं। लेकिन सरकार इनका सही तरीके से प्रचार-प्रसार और विकास करने में सक्षम नहीं हो पा रही है। पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए सड़कें अच्छी हैं। वहीं, अन्य सुविधाओं और सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
READ MORE: ममता के खिलाफ बीजेपी का खेला, अदालत की दहलीज लांघ चुनावी रण में उतरी प्रियंका टिबरेवाल
आगे अदालत ने कहा, सरकार को सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों के विकास पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि इससे पर्यटन स्थल पर लोगों का आवागमन बढ़े। उन्हें नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित कर मुख्यधारा में लाने की कोशिश करनी चाहिए। अदालत ने अगली सुनवाई पर डीजीपी को हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।

Related Articles

Back to top button