छत्तीसगढ़

जिले में बढ़ें सर्दी-खासी के मरीज, झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं बिना कोरोना जाँच के इलाज

गरियाबंद| गरियाबंद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में ग्रामीण अंचलों में आज भी ग्रामीणों कोरोना टेस्ट चेक नहीं कराया है वहीँ सर्दी-खांसी और बुखार के लक्षण वाले मरीज बढ़ते जा रहे हैं|

ऐसे में वो मेडिकल से दवाई लेकर खा रहे हैं या फिर झोलाछाप डॉक्टरों के संपर्क में आ रहे हैं| आपको बता दें, की जिले में सैकड़ों की तादाद में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर बिना किसी प्रकार के चेकअप के या फिर कहा जाए तो नियम विरुद्ध बिना मास्क लगाए, बिना सोशल डिस्टेंसिंग का मरीजों का इलाज कर रहे हैं|

देखने में यह भी मिला है कि घर-घर जाकर  प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है| वही झोलाछाप बंगाली डॉक्टर  दुकान खोल कर भी बैठे हुए हैं, पंजीकृत  वा शासकीय अस्पतालों को छोड़कर बाकी सभी के clinic बंद है पर बिना डिग्रीधारी झोलाछाप डॉक्टर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और वह संक्रमण बढ़ाने में तुले हुए हैं|

अपनी जेब की कमाई देखते हुए डॉक्टर संक्रमित मरीजों का इलाज न करें क्यूंकि ऐसे में संक्रमण फैलता जाएगा, यहाँ पहले भी झोलाछाप डॉक्टर से ग्रामीणों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है| स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता की वजह से इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई, यही वजह है कि कोरोना काल में जहां एक ओर हाहाकार मचा है वैसे में झोलाछाप डॉक्टर अपनी कमाई की पड़ी है, जो समाज के लिए खतरा है|

इन पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है, जिम्मेदार लगाम लगाने में सक्षम नहीं है… यही वजह है कि जिले में झोलाछाप डॉक्टर, बंगाली दवाखाना की भरमार है जो नियम विरुद्ध बिनाडिग्री के सालों से प्रैक्टिस करते आ रहे हैं| संक्रमण बढ़ने के पूर्व को झोलाछाप डॉक्टरों के ऊपर कार्रवाई की गई थी पर वह कार्रवाई मात्र दिखावा साबित हुई|

दरअसल कार्यवाही के कुछ हफ्ते बाद ही झोलाछाप डॉक्टरों ने फिर अपना इलाज जारी कर दिया था| यही वजह है कि विभागीय संरक्षण होने की वजह से झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले हमेशा बुलंद रहते हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई कार्यवाही से भय नहीं रहता और वह बेहिचक अवैध रूप से अपने क्लीनिक एवं प्राइवेट प्रैक्टिस का संचालन करता है|

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