छत्तीसगढ़

जिले में नही हो रहा कोरोना संबंधित गाइडलाइन व नियमों का पालन, एक भी मजदूर संक्रमित हुआ तो कोरोना विस्फोट की संभावना 

गरियाबंद| कोरोना संक्रमण के कारण देश के कई राज्यो में एवं छत्तीसगढ़ के अधिकतर जिलों में लॉक डाउन लगा हुआ है तथा सभी जगह धारा 144 लागू है और कही पर भी भीड़ दिखाई देने पर उनपर सख्त कार्यवाही करने के कलेक्टर आदेश दिए है|

लेकिन ऐसे में भी जलसंसाधन विभाग फिंगेश्वर अपनी मनमानियों पर उतारू है, तो वही ठेकेदार भी जल्द से जल्द स्टीमेट को नजरअंदाज करते हुए खानापूर्ति कर अपने काम को इतिश्री करने की फिराक में है। ज्ञात हो कि फिंगेश्वर जल संसाधन विभाग के अंतर्गत ग्राम पंचायत सरकड़ा/बिडोरा के जलाशय में नहर लाइनिंग का काम चल रहा है जो कि जिले में सम्पूर्ण लॉक डाउन होने के बाद भी बदस्तूर जारी है।

यहाँ पर अन्य जिलों के अलावा आस पास के गाँव के लोकल मजदूर भी काम करने आ रहे है, जब पड़ताल की तो पता चला है कि बिडोरा व सरकड़ा ग्राम से लगभग 100 से 150 मजदूर काम मे जाते है,वर्तमान में अभी बिडोरा जो कि एक छोटा सा गांव है वहा 12 से 15 कोरोना से संक्रमित लोग अपने अपने घर मे होम आइसोलेशन में है|

उस गाँव से कोरोना संक्रमित मुहल्ले से मजदूर काम मे जा रहे है,यदि इनकी जांच कराया जाये तो कोरोना का एक भयानक विस्फोट यहा पर हो सकता है| लेकिन उसके बावजूद भी यहा के लोग कोरोना को हल्के में ले रहे है तथा साथ ही सम्बंधित अधिकारी भी इस पर कोई ध्यान नही दे रहे है।

बता दें कि नहर लाइनिंग हेतु करोड़ो रूपये की स्वीकृति शाशन स्तर पर हुई है| लेकिन ठेकेदार अपनी स्वार्थ पूर्ति हेतु लोगो की जान को जोखिम में डाल रहे है। जिले में जलसंसाधन विभाग के  लगभग सभी अनुविभाग में काम बंद है लेकिन फिंगेश्वर अनुविभाग अंतर्गत सरकड़ा बिडोरा में जलाशय का कार्य सरकार की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए और शासन प्रसाशन को आंख दिखाते हुए कार्य जारी है|

लोग अपने साथ-साथ आसपास के लोगो की भी जान जोखिम में डालकर चंद रुपयों की कमाई के लिये लगें हुवे है जबकि यह कार्य लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी पूर्ण कराया जा सकता है| कोरोना संक्रमण के चैन को तोड़ने लगाये गये लॉकडाउन की धज्जियाँ ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की संयुक्त मिलीभगत से किया जा रहा है|

फिंगेश्वर छुरा प्रमुख मार्ग पर स्थित ग्राम सरकड़ा/बिडोरा में नहर लाइन के अंदर 3 अलग अलग पार्ट में काम कराया जा रहा है| इस काम मे बोरिद, बिडोरा,सरकड़ा व परसदकला के मजदूरों को अलग अलग शिफ्ट सुबह 6 से 2 और सुबह 9 से 5 बजे तक काम कराया जाता है।

मौके पर कई मजदूर बिना मास्क के मीले तो सामाजिक दूरी का खुला उल्लंघन भी यहा पर किया जा रहा है| कार्य स्थल पर ना तो सेनेटाइजर की व्यवस्था है और ना ही हाथ साफ करने के लिये साबुन की।

शासन के आदेश का किया जा रहा है खुला उल्लंघन

लॉकडाउन के दौरान नहर लाइनिंग कार्य में कार्यरत मजदूरों को कार्य स्थल पर ही कैम्प बनाकर रखना व सामाजिक दूरी का पालन करते हुवे काम कराने का आदेश  शासन प्रशासन ने जारी किया है लेकिन जलसंसाधन विभाग द्वारा आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है|

कार्य स्थल पर कही कोई कैम्प नही बना है,सभी मजदूर आसपास के गांव सर तड़के सुबह 7 बजे और 9 बजे अपने शिफ्ट अनुसार आते है और छुट्टी होने पर क्रमशः 3 बजे व 5 बजे अपने घर वापस चले जाते है।वही इस बारे में फिंगेश्वर जल संसाधन के प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी होमेश नायक से बात की तो उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी का पालन करके काम करवाया जा रहा है|सभी मजदूर मास्क लगाकर आते है,कार्यस्थल में सेनेटाइजर व साबुन की व्यवस्था ठेकेदार को बोलकर करवायी गयी है।

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