पर्यटन मंडल में 12 साल पहले 58 पदों पर हुए भर्ती घोटाले की जांच शुरू
रायपुर। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में 2008 में 58 पदों पर सीधी भर्ती में हुई गड़बड़ी जांच अब शुरू हुई है। भर्ती प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए आरक्षित पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया था। मामले की जांच अब 12 साल बाद शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के एमडी ने 10 अगस्त को चार अधिकारियों की जांच टीम गठित की है। जांच टीम में पर्यटन मंडल के महाप्रबंधक सुनील अवस्थी, सहायक संचालक मयंक गुप्ता, उपमहाप्रबंधक शरद पाठक, प्रबंधक दिलीप आचार्या को शामिल किया गया है। एमडी ने पंद्रह दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। भाजापा शासन काल में यहां बड़े पैमाने भर्ती घोटाला हुआ था। जिसका खुलासा पत्रिका ने आरटीआई से मिले दस्तावेजों के माध्यम से किया था।
यह है मामला
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल में 2008 में 58 पदों पर हुई सीधी भर्ती में बड़ा गड़बडी हुई थी। छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों के लिए आरक्षित पदों पर नेपाल के 5वीं पास लोगों की भर्ती कर ली गई। यही नहीं, आरक्षित पदों पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया था। आरटीआई से मिले दस्तावेजों के मुताबिक वर्ष 2008 में पर्यटन मंडल ने वित्त विभाग को पत्र लिखकर 58 पदों पर भर्ती के लिए स्वीकृति मांगी। इस पर वित्त विभाग ने पत्र क्रमांक यूओ-क्रमांक 318/व-2/चार/2007 के माध्यम से अनुमति दे दी। इसके बाद मंडल से जारी भर्ती के विज्ञापन में इन पदों के लिए 16 नियम व शर्तों का उल्लेख किया गया। इसके जरिए पर्यटन अधिकारी, कम्प्युटर ऑपरेटर, सूचना सहायक व हेल्पर के पदों भर्ती की गई। एक पद के लिए तो एक अभ्यर्थी ने अपना पांचवी का प्रमाण पत्र नेपाल के गंदाकी जोन का दिया गया था। जबकि, विज्ञापन में स्पष्ट उल्लेख है कि छत्तीसगढ के मूल निवासी ही इन पदों के लिए पात्र हैं। अधिकांश पदों पर आला अधिकारियों और नेताओं के बेटों को नियुक्त किया गया था।
उप अभियंता के 3 पदों पर आयु सीमा में दी छूट
उप अभियंता के तीन पदों पर भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों में से एक को नियम विरुद्ध आयु सीमा में छूट देकर नियुक्ति दी गई। आवेदकों ने आवेदन में डीडी का भी विवरण नहीं दिया। सत्यापित दस्तावेज व फोटो भी नहीं लगाया गया। इस पद के लिए पांच वर्ष का अनुभव मांगा गया था, लेकिन दो वर्ष का ही अनुभव दिया गया।
जांच टीम बना दी गई है। पंद्रह दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
इफ्फत आरा, एमडी, पर्यटन मंडल