रायपुर। राजधानी पुलिस के अधिकारी चाकूबाजों और अपराधियों पर नियंत्रण लगाने का चाहे जितना भी दावा कर लें, लेकिन लगातार हो रही चाकूबाजी ने विभागीय अधिकारियों के दावों को खोखला साबित कर दिया है।
चाकूबाजी की हर घटना के बाद पुलिस अधिकारी इसमें नियंत्रण लगाने का दावा करते है, लेकिन अपराधी फिर से वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे रहे है।
अपराधियों के बुलंद हौसले पर बीते दिनों रायपुर पुलिस के अधिकारियों को मुख्यालय के अधिकारियों की फटकार सुननी पड़ी। मुख्यालय के अधिकारियों ने सख्ती करने और सड़को पर पुलिस की मौजूदगी दिखने को लेकर निर्देश जारी किया है।
मुख्यालय के अधिकारियों की फटकार के बाद रायपुर एसएसपी ने अधीनस्थ अधिकारियों को सड़को पर गश्त करने और कार्रवाई करने के लिए कहा है। अब देखते है, पुलिस की सख्ती कितने दिन तक दिखेगी।
डेढ़ माह में 15 वारदात
पुलिस विभाग से मिले आंकड़ो के अनुसार जनवरी माह से अब तक जिले में 40 से ज्यादा झड़प हुई, लेकिन चाकूबाजी की घटना इनमें से 15 है। अन्य वारदातों में आरोपियों ने धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया है। चाकूबाजी मामलें के अधिकांश आरोपियों को पकडऩे का दावा कर रही है।
विभागीय अधिकारियों के दावों के विपरीत हकीकत यह है, जो मामला मीडिया में चर्चा का विषय बना, उन पर अफसरों ने तत्काल कार्रवाई की। शेष अन्य मामलों में पुलिस अधिकारियों ने मारपीट की धारा लगाकर आंकड़ो में उलटफेर किया, ताकि वरिष्ठ अधिकारियों के सामने फजीहत ना झेलना पड़े।
मुख्यालय की फटकार के बाद सड़को पर उतरे अफसर
सोमवार को मुख्यालय में अधिकारियों ने बैठक ली। बैठक में प्रदेश भर के कप्तान वर्चुअल रुप से उपस्थित हुए। बैठक में रायपुर पुलिस के अधिकारियों को चाकूबाजी पर नियंत्रण लगाने और वारंटियों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश मिला था। मुख्यालय ने बढ़ती चाकूबाजी की घटना को लेकर अफसरों को हिदायत दी थी और एक्शन लेने के लिए कहा था।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर मंगलवार दोपहर से कार्रवाई करने का निर्देश थाना प्रभारियों को एसपी ने दिया था। मुख्यालय की फटकार का असर ये दिखा, कि मंगलवार की दोपहर से लेकर देर रात तक पुलिस सड़को में कार्रवाई करते और गश्त करते दिखी।
ऑनलाइन चाकू बिक्री में सिर्फ पत्राचार
राजधानी की फैंसी दुकानों और ऑनलाइन में आसानी से अपराधी चाकू खरीद रहे है। ऑनलाइन चाकू खरीदने वालों की निगरानी करने का दावा विभागीय अधिकारी करते है। जनवरी 2022 से अब तक जिले में कितने लोगों ने ऑनलाइन चाकू खरीदा है? यह आंकड़ा पुलिस अधिकारियों के पास नहीं है। इस आंकड़े को हासिल करने के लिए विभागीय अधिकारी पत्राचार करने का दावा करते है।
इन पत्राचार के दौरान यदि खरीदी गई चाकूओं से वारदातें होती है, तो उनका जिम्मेदार कौन होगा? इस सवाल पर पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। चाकू खरीदने वालों के साथ बेचने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? इस सवाल पर जांच करने की कार्रवाई करेंगे, बोलकर विभागीय अधिकारी बचते नजर आते है।
इस मामले में रायपुर एएसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा कि अधीनस्थ अधिकारियों को बैठक लेकर सख्ती करने का निर्देश दिया है। अभियान चलाकर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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