King of Patiala Maharaja Bhupendra Singh: भारत में ऐसे कई राजे-महाराजे हुए हैं, जो किसी न किसी वजह से मशहूर हैं। ऐसे ही एकोो राजा थे पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह, जिनकी रंगीन मिजाजी के किस्से तो पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
यहां एक विशेष भारतीय राजा की सच्ची कहानी है, जिसका वैवाहिक जीवन आपको अवाक कर देगा। हम बात कर रहे हैं पटियाला रियासत के महाराजा भूपिंदर सिंह की।
महाराजा के रंगीन किस्से
महाराजा की गतिविधियों का उल्लेख दीवान (मंत्री) जरामणि दास ने अपनी पुस्तक ‘महाराजा’ में किया है। महाराजा भूपिंदर सिंह ने पटियाला में एक ‘लीला-भवन’ बनवाया, जहां केवल नग्न लोगों को जाने की अनुमति थी।
यह महल पटियाला शहर में बहुदरी बाग के पास भूपेंद्र नगर की ओर जाने वाली सड़क पर बना है।
इतिहासकारों के अनुसार महाराजा की 10 अधिकृत रानियों सहित कुल 365 रानियां थीं। महाराजा ने इन रानियों के आराम और सुविधा का पूरा ख्याल रखा। महाराजा की रानियों के किस्से इतिहास में दफन हो गए हैं,
जबकि उनके लिए बनाया गया महल अब ऐतिहासिक धरोहर है। रिपोर्टों के अनुसार, चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम नियुक्त की जाती थी और रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए महल में रहती थी। उन्हें उनकी इच्छा के अनुसार सब कुछ प्रदान किया गया था।
दीवान जरमनी दास के मुताबिक, महल का एक खास कमरा, जो ‘प्रेम मंदिर’ कहलाता था, महाराजा के लिए रिजर्व (आरक्षित) था, यानी उस कमरे में उनके अलावा और कोई नहीं आ सकता था, बिना उनकी इजाजत के। इस कमरे में राजा के भोग-विलास का पूरा इंतजाम रहता था।
कहते हैं कि महाराजा के महल में हर रोज 365 लालटेनें जलाई जाती थीं और हर लालटेन पर उनकी 365 रानियों के नाम लिखे होते थे। जो लालटेन सुबह पहले बुझती थी, राजा उस लालटेन पर लिखे रानी के नाम को पढ़ते थे और फिर उसी के साथ वो रात गुजारते थे।
दीवान जरमानी दास के अनुसार, महाराजा भूपिंदर सिंह की दस पत्नियों से 83 बच्चे थे, जिनमें से केवल 53 ही जीवित रह पाए थे।
राजा ने महल के बाहर एक ‘स्विमिंग पूल’ भी बनवाया था। पूल इतना बड़ा है कि 150 पुरुष और महिलाएं एक साथ स्नान कर सकते हैं। यहां बड़ी-बड़ी पार्टियां हुआ करती थीं। महाराजा उन पार्टियों में शामिल होने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड को बुलाते थे। वे सभी महाराजा के साथ तालाब में नहाए और तैरे।
भूपिंदर सिंह अपनी लग्जरी जिंदगी के लिए मशहूर थे। कहा जाता है कि उनके पास दुनिया का सातवां बेशकीमती हार था जो चोरी हो गया था। इसके अलावा पटियाला पैग बनाने का क्रेडिट भी इन्हें ही जाता है। इसके अलावा भूपिंदर सिंह के पास 44 रॉल्स रॉयस कार थी।