छत्तीसगढ़

महाराष्ट्र में महात्मा फुले समता पुरस्कार से सम्मानित किए गए सीएम बघेल, कहा- संविधान और संस्थाएं खतरे में, बचाने की आवश्यकता….

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महाराष्ट्र के पुणे में महात्मा फुले समता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सीएम बघेल को यह पुरस्कार महात्मा ज्योतिबा फुले की 131वीं पुण्यतिथि पर अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद् के द्वारा आयोजित किए गए समारोह में दिया गया।
यह समारोह पुणे के ऐतिहासिक महात्मा फुले स्मारक समता भूमि पर आयोजित की गई थी।
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जानकारी के अनुसार, रविवार को दोपहर के वक्त परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष छगन भुजबल ने सीएम बघेल को फुले पगड़ी, शाल, सम्मान निधि और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। इस खास मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हिन्दुस्तान के पांच हजार साल के इतिहास में साढ़े तीन हजार साल पिछड़ों का राज रहा। किंतु अंग्रेजों के शासन काल में देश की अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। तो ऐसे में महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज सुधार के जरिए समतामूलक समाज की स्थापना के लिए काम किया।
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उन्होंने कहा, जहां महात्मा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रणी नेता थे, तो वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजनीतिक क्रांति के अग्रणी समाज सुधारक थे। लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए महात्मा गांधी ने कुटीर उद्योगों पर बल दिया। चरखा और तकली को अपना हथियार बनाया।
सीएम बघेल ने कहा कि बापू ने महात्मा फुले के काम को आगे बढ़ाया। उन्होंने समाज के उत्पादक समाज को आगे बढ़ाने का काम किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इन्हीं महात्माओं के बताए रास्ते में चल कर हम छत्तीसगढ़ में सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए कार्य कर रहे हैं।
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संविधान और संस्थाओं पर बताया खतरा 
सीएम बघेल ने कहा, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान के जरिए हमें बराबरी का, समानता का अधिकार दिलवाया। आगे उन्होंने कहा, आज हमारा संविधान और संस्थाएं खतरे में हैं। इन्हें बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने आज की परिस्थितियों में पूंजीवाद और बाजारवाद से लड़ने के लिए छोटे कारीगरों द्वारा बनाए गए वस्तुओं के उपयोग को बहुत जरूरी बताया।
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कहा- SC-ST को मिल रहा कम आरक्षण 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान कहा, आज अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात से कम आरक्षण मिल रहा है। किंतु इस विषय में सभी ने चुप्पी साध रखी है। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए क्वांटिफायबल डाटा एकत्र कर रही है। जिसे उच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा। हमारी कोशिश है कि जो जिसका हक है उन्हें मिल सके।
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इस वजह से मिल रहा पुरस्कार
आयोजकों का कहना है कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस पुरस्कार के लिए इसलिए चुना गया है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान समाज के वंचित वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण फैसले लिए। सीएम बघेल को पुरस्कार समारोह में ज्योतिबा फुले की पुस्तक किसान का कोड़ा की प्रति भेंट स्वरूप प्रदान की गई।

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