जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन हमेशा से ही सक्रिय रहा है। उनका दहशत अभी भी बस्तर जैसे इलाकों में कायम है। अब इन्हीं माओवादी संगठन के आतंक के डर से कई ट्रेनों को दुबारा रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह ट्रेनें किरंदुल विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग की है। असल में, विशाखापट्टनम से जो ट्रेन निकलती हैं उनका अंतिम स्पॉट जगदलपुर ही होता है और फिर यहीं से ट्रेनें वापस लौटती है।
छत्तीसगढ़ में पहले ही 28 अप्रैल से ब्रिज मेंटेनेंस के नाम पर कई ट्रेनों को रद्द (Many Trains are Cancelled) कर दिया गया था। अब पुनः किरंदुल विशाखापट्टनम रेलवे मार्ग की ट्रेनों को माओवादियों के दहशत के चलते बंद कर दिया गया है।
ट्रेनों के बंद होने का मुख्य कारण माओवादियों का होना बताया जा रहा है। इस महीने 11 मई को ये काल मार्क्स जयंती तथा 12 मई को नक्सली दमन विरोधी सप्ताह मनाएंगे। इसी कारण रेलवे ने लोगो की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यहां की ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब किरंदुल-विशाखापट्टनम की ट्रेनों को बंद किया गया है इससे पहले भी यहां से जाने वाली यात्री ट्रेनें बंद थी। 28 अप्रैल से 6 मई तक ट्रेनों को ब्रिज मेंटेनेंस के लिए बंद किया गया था। हालांकि यहां से माल गाड़ी वाली ट्रेनों की आवाजाही जारी थी। अब इन ट्रेनों का संचालन एक बार फिर से नक्सलियों की वजह से बंद हो गया है।
सूचना के अनुसार, इन ट्रेनों का संचालन 7 मई से किया जाना था। लेकिन नक्सलियों की 11 और 12 मई को किए जाने वाले आयोजनों के चलते रेलवे ने इन ट्रेनों को बंद करने का निर्णय सुनाया है।
किरंदुल विशाखापट्टनम वाले रेलवे मार्ग में जो किरंदुल दंतेवाडा मार्ग है उसे डेंजर जोन के रूप में देखा जाता है क्योंकि पहले भी यहां नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक उखाड़ने ट्रेनों को डिटेल करने जैसे काम किए हैं। इससे ना सिर्फ रेलवे को यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा है बल्कि करोड़ों रुपए का नुकसान भी हुआ है इन्हीं सब कारणों को देखते हुए रेलवे ने माओवादी गतिविधियों के कारण ट्रेनों को रद्द किया है।