राजस्थान । नगर निगम जयपुर की मेयर को हटाने के मामले में प्रदेश में राजनीति तापमान बढ़ा हुआ है। शुक्रवार को वायरल हुए वीडियो और ओडियाे के बाद राज्य की राजनीति के साथ-साथ इसके संबंध अब केन्द्र से भी जुड़ते नजर आ रहे है।
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बता दें कि जो ऑडियो वायरल हो रहे हैं उसमें दो केन्द्रीय मंत्री के नाम भी आ रहे है, वहीं वीडियो में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े एक बड़े कार्यकर्ता का फोटो आने के बाद बवाल मच गया है।
इधर वीडियो-ऑडियो के बाजार में आने के बाद BVG कंपनी ने जो सफाई दी है उससे भी कई सवाल खड़े हाे रहे हैं। कंपनी ने इन वीडियो-ऑडियो पर सफाई देते हुए कहा है कि वीडियो में जो चर्चा चर्चा चल रही थी वह केवल कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सेबिलिटी (CSR) के तहत प्रताप गौरव केन्द्र को दिए जाने वाले सहयोग के बारे में है और उसी दौरान हुई बातचीत को गलत संदर्भ में जोड़ा जा रहा है।
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कैसे वायरल हुआ ये ख़ुफ़िया वीडियो?
आपको बता दें कि पूरा खेल बिलों के पेमेंट से जुड़ा, नगर निगम से पेन ड्राइव के जरिए वायरल किए ऑडियो-वीडियो ये पूरा घटनाक्रम कंपनी के बिलों के पेमेंट से जुड़ा है। कंपनी अपने बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी, लेकिन डील नहीं बैठी तो ये सब घटनाक्रम चला।
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बताया ये जा रहा है कि कंपनी ने नगर निगम से ही पेन ड्राइव या अन्य संसाधन के जरिए इन ऑडियो और वीडियो को वायरल करवाया है। सौम्या गुर्जर के पति राजाराम ने देर रात सांगानेर थाने में जो प्राथमिकी दर्ज करवाई है, उसमें बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि संदीप चौधरी व अन्य के खिलाफ आरोप लगाए है।
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इसमें खुद उन्होंने कहा कि ये ऑडियो-वीडियो नगर निगम के उपायुक्त राजस्व के कमरे के बाहर किसी स्थान पर रखकर मीडिया में उपलब्ध करवाए गए है।
जानिए पूरा मामला
जयपुर में कचरा संग्रहण करने वाली BVG कंपनी का अब भी करीब 276 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया चल रहा है। कंपनी ने बिल के भुगतान के लिये कई बार मेयर के चक्कर लगाये लेकिन बात नहीं बनी। मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और बीजेपी पार्षद कंपनी के काम से नाखुश है और इसी वजह से मेयर ने कंपनी के सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट फाइल पर साइन नहीं किये और भुगतान भी अटक गया। हालांकि कहा जा रहा है कि निगम आयुक्त कंपनी के भुगतान के पक्ष में थे।
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