दुर्ग। हमने बॉलीवुड फिल्मों में कई बार देखा है कि कैसे कई लड़कियां अपने मां बाप के सपनों को पूरा करने में जी जान लगा देती हैं और एक नया मुकाम हासिल करती हैं। ऐसी ही एक कहानी है दुर्ग जिले की 21 वर्षीय बेटी निवेदिता शर्मा की।
निवेदिता का बचपन से एक ही सपना था कि वह आसमान में उड़े। इसके लिए उसने काफी मेहनत की। उसके माता-पिता ने भी अपनी बेटी का बहुत साथ दिया। वे उसके पीछे उसका विश्वास, उसकी ताकत बनकर खड़े रहे। आखिर में निवेदिता का सपना सच हो गया और इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में उसका सलेक्शन हो गया।
निवेदिता की इस जीत में उसके पिता का विशेष योगदान है। निवेदिता दुर्ग की खंडेलवाल कॉलोनी में रहने वाली है। निवेदिता बताती हैं कि उसके पिता अशोक शर्मा को जब उसकी पायलट बनने की इच्छा के बारे में जानकारी मिली तो वह हमेशा बेटी को पायलेट बनने के लिए क्या करना है यह बताते रहते थे। उन्होंने खुद नेट पर सर्च कर, कोचिंग, एक्सरसाइज से लेकर एनसीसी कोर्स की जानकारी एकत्रित की।
पिता रिटायर बैंककर्मी और आर्ट ऑफ लिविंग टीचर
निवेदिता के पिता अशोक शर्मा नागरिक सहकारी बैंक दुर्ग में मैनेजर थे। फिर वे रिटायर हो गए। इसके बाद वे वर्तमान में कॉस्ट अकाउंटेंट की प्रैक्टिस करते हैं और आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर हैं। निवेदिता की मां एक हाउस वाइफ हैं।
उनकी एक छोटी बहन है जो कक्षा 11वीं में पढ़ती है। जब भी निवेदिता उदास होती या उसकी उर्जा कम होती तो अशोक शर्मा अपनी बेटी को आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान, योग के माध्यम से चार्ज किया करते थे।
ऐसे बनाया एयरफोर्स में जाने का मन
जब निवेदिता स्कूल में पढाई कर रही थी तब उसके पापा के दोस्त ने निवेदिता की मुलाकात एक कर्नल से कराई थी। निवेदिता ने उनसे पायलट बनने के बारे में पूछा तो उन्होंने उसे एयरफोर्स में जाने का सुझाव दिया। तब से ही निवेदिता ने ठान लिया था कि वो एयरफोर्स में जाएगी।
एनसीसी एयरविंग में उड़ने का था सपना
निवेदिता ने एयरफोर्स में जाने के लिए शासकीय कॉलेज में बीकॉम में एडमिशन लिया। फिर एनसीसी एयरविंग जॉइन किया। यहां पहली बार उन्होंने पैराशूट के साथ 15 हजार किलोमीटर ऊंचाई से उसने छलांग लगाई। इस दौरान उसका आसमान में उड़ने का सपना भी पूरा हो गया।
बॉडी और दिमाग दोनों को बनाया स्ट्रांग
निवेदिता ने रोज 5-6 घंटे मन लगाकर पढ़ाई की। इसके अलावा उसने 2-3 घंटे जिम, एक्सरसाइज से अपने शरीर को स्ट्रांग बनाया। 2 बार एंट्रेंस एग्जाम में असफलता मिली। उन्हें उनकी मंजिल तीसरे प्रयास में मिली है।
पहले लिखित परीक्षा हुई। फिर जब इसका रिजल्ट आया तो निवेदिता बहुत खुश हो गई। उसने रिर्टन एग्जाम पास करने के बाद वाराणसी में पांच दिन का एसएसबी इंटरव्यू पास किया। इसके बाद वे फाइनल सिलेक्शन पाकर 15 जनवरी को हैदराबाद स्थित एयरफोर्स एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए जा रही हैं।
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