छत्तीसगढ़

प्रदेश में बनेगा एक और जंगल सफारी, तीन सालों में विकसित करने की योजना, सफेद बाघ सहित इन जानवरों का कर सकेंगे दीदार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में वन विभाग नवा रायपुर के जंगल सफारी की तरह ही एक और जंगल सफारी बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। यह नया जंगल सफारी कवर्धा जिले में भोरमदेव अभयारण्य से लगे रमचुआ-हरमो के प्राकृतिक जंगल में बनने वाली है। इसके लिए 191 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। वन विभाग ने अगले तीन साल में इसे विकसित कर लेने की योजना बनाई है।
सोमवार शाम को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निवास कार्यालय में प्रस्तावित योजना प्रस्तुत किया। अधिकारियों ने कहा, रामचुआ-हरमो क्षेत्र के 191 हेक्टेयर में जंगल सफारी तैयार करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। यह जंगल सफारी मैकल पर्वत शृंखला की पहाड़ियों के नीचे है। नया जंगल सफारी बन जाने के बाद यह पर्यटकों के लिए प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता के साथ-साथ काफी मनोरम स्थल होगा।
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अधिकारियों ने कहा, सफारी के भीतर कैचमेंट क्षेत्र में चेकडेम का निर्माण किया जाएगा। साथ ही उस क्षेत्र से गुजर रहे प्राकृतिक नाले को भी व्यवस्थित किया जाएगा। जंगल सफारी के मुख्य दरवाजे के समक्ष प्रशासनिक जोन भी बनाया जाएगा। यहां टिकट काउंटर के साथ फूड जोन, प्रसाधन, पार्किंग आदि की सुविधा रहेगी। इस नए जंगल सफारी क्षेत्र में पहाड़ से कुछ दूर तक पर्यटकों के आने-जाने हेतु सड़क निर्माण किया जाएगा। इससे पर्यटक आराम से पूरे जंगल में घूमकर सफारी का मजा ले सकेंगे।
जंगल सफारी का आकर्षण
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जानकारी दी कि नई जंगल सफारी में शेर, चीता, सफेद बाघ, भालू, हिरण, सांभर, नीलगाय समेत कई पशु-पक्षियों के लिए अलग-अलग सफारी होगी। इस लगभग 75 करोड़ रुपए की लागत आयेगी। इसके निर्माण के लिए 3 साल तक का लक्ष्य रखा गया है। प्रस्तावित नवीन जंगल सफारी को भोरमदेव मंदिर और अन्य पर्यटन स्थलों तथा ऐतिहासिक धरोहरों के साथ जोड़कर एक सर्किट का निर्माण किया जाएगा।
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व्यू पॉइंट बनाने का सुझाव
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने अधिकारियों से कहा, सफारी का रास्ता इस तरह से तैयार किया जाए, जिससे पर्यटक एक तरफ से अंदर जाएं और हर भाग को देखते हुए आनंद लेते हुए दूसरे रास्ते से वापस मुख्य द्वार से होकर बाहर निकल जाएं। जंगल सफारी घूमने में पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी पर पर्यटकों के लिए व्यू पॉइंट भी बनाया जाए। ताकि वे यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सके।
कवर्धा से 8-10 किमी दूर
बता दें कि छत्तीसगढ़ की नई प्रस्तावित यह जंगल सफारी कवर्धा शहर से 8-10 किमी की दूरी पर बनने वाली है। अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए सरोधा और जैतपुरी गांव के बीच के जंगल को चुना गया है। यह जगह कवर्धा से भोरमदेव मंदिर जाने वाले रूट में पड़ता है। यानी कि सरोधा जलाशय और भोरमदेव मंदिर के मध्य।

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