पाकिस्तान (Pakistan) के हरनई इलाके में गुरुवार को भूकंप (Earthquake) के तगड़े झटके महसूस किए गए। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इस हादसे में कम से कम 20 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि करीब 150 लोगों से अधिक लोगों के घायल हो गए हैं। भूकंप की तीव्रता 6.0 आंकी गई है। भूकंप से बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
बलूचिस्तान (Baluchistan) की प्रांतीय सरकार के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लंगौ ने कहा, “हमें सूचना मिल रही है कि भूकंप के कारण 20 लोग मारे गए हैं। बचाव के प्रयास जारी हैं” पाक के हरनाई के 14 किमी एनएनई में आज सुबह लगभग 3:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके बाद भी लगातार हल्के झटके महसूस किए जा रहे हैं। भूकंप के झटकों से कई मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग काफी डर गए और घरों से बाहर निकल आए।
बलूचिस्तान के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख नसीर नासर ने एएफपी को बताया कि 15 से 20 लोगों की मौत हुई है, लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है। भूकंप से सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र बलूचिस्तान का सुदूर पहाड़ी शहर हरनाई है, जहां पक्की सड़कों, बिजली और मोबाइल फोन कवरेज की कमी की वजह से राहत-बचाव के प्रयास में बाधा आ रही है।
हरनई पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पड़ता है। लोगों की मदद और बचाव कार्य के लिए क्वेटा से भारी मशीनरी रवाना कर दी गई है। इनके दो से तीन घंटे में हरनई पहुंचने की संभावना है। फिलहाल घायल लोगों का हरनई के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
क्यों आता है भूकंप?
धरती के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती हैजब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग भी भूकंप की वजहें होती हैं।
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