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टूल किट केस में दिशा की गिरफ्तारी के बाद Social Media पर बच्चों की एक्टिविटी से डरे पैरेंट्स

दिशा रवि का मामला इस समय चर्चा में बना हुआ हैं , 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने बैंगलोर में स्थित दिशा के घर से गिरफ्तार किया। दिल्ली पुलिस के अनुसार ग्रेटा थनवर्ग ने जो टूलकिट ट्विटर पर अपलोड किया था वह दिशा रवि के द्वारा उनको सेंड किया गया था।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिशा रवि और उनके कुछ साथियों ने यह पहले से ही प्लान कर लिया था कि किसान आंदोलन में 26 जनवरी को किसानों के बीच झूठी अफवाह फैला दी जाएंगी, इसके चलते टूल किट में 2 लोगों के खिलाफ वारंट और पुलिस के रेडार पर एक हजार से ज्यादा लोग हैं।

पुलिस का कहना है कि देश के खिलाफ 6 दिसंबर को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था जिसका उद्देश्य साजिश करना था। जिसमें दिशा रवि और कुछ साथियों का नाम सामने आया है।.पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ सर्च ऑपरेशन 9 फरवरी को किया गया था। और पूछताछ के पहले ही उन्होंने अपने आपको अंडरग्राउंड कर लिया था।

इन्हीं सब खबरों के चलते पेरेंट्स अपने बच्चों के सोशल मीडिया पर इंगेजमेंट से डरने लगे है, और अपने बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है।

क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के एक स्टूडेंट ने बताया कि हाल ही में हुई इन सभी घटनाओं की चिंता की वजह से उनके माता-पिता ने उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म से दूर रहने की सलाह दी है। 22 साल की एक स्टूडेंट बताती हैं, कि इन्होंने 1 साल पहले (सी ए ए) नागरिक संशोधन कानून अथवा एक्शन 377 जैसे मुद्दों में विरोध प्रदर्शन में अपना योगदान दिया था ।किंतु जब से दिशा रवि का केस सामने आया है। तब से उनके माता-पिता ने उनसे आग्रह किया है, कि वह सोशल मीडिया पर अपना परफॉर्मेंस कम दें ।

उनका कहना है कि वह अपने माता-पिता की भावनाओं व उनके प्रति उनकी चिंताओं को बहुत अच्छे से समझती हैं, इसीलिए वह खुद को लो प्रोफाइल रख रही है।
कुछ और विद्यार्थी भी है जिनका कहना है कि इस घटना के बाद से उनके भी पेरेंट्स इस बात को लेकर चिंता में हैं और उनसे सोशल मीडिया से दूर रहने को कहा है।
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एमजे विनोद बताते हैं कि कई एक्सपर्ट्स का कहना है, कि इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया जल्दबाजी में नहीं करनी चाहिए इसका बच्चों व लोगों पर मानसिक प्रभाव पड़ सकता है।

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