बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा मीसाबंदियों की पेंशन सुविधा को बहाल करने का आदेश सुनाया गया है। इससे पूर्व सिंगल बेंच की मीसाबंदियों के पक्ष में दिए फैसले के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा डबल बेंच में अपील की गई थी। पिछले दिनों इस मामले में बहस पूरी होने के बाद चीफ़ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जानकारी के लिए बता दें कि भाजपा शासन काल मे मीसाबंदियों को पेंशन की सुविधा दी जा रही थी। इसके बाद 2019 में सरकार बदल गई। फिर भौतिक सत्यापन और समीक्षा की बात कहते हुए राज्य सरकार ने इस सुविधा को बंद कर दिया था।
मीसाबंदियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। करीब तीस से ज्यादा मीसाबंदियों ने पेंशन की मांग को लेकर याचिका लगाई थी।
इस मामले में राज्य सरकार द्वारा 2020 में दो नोटिफिकेशन जारी किए गए थे, जिसमें मीसाबंदियों को सम्मान निधि दिए जाने के पिछली सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया गया था। इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं, आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है, जिसमें राज्य सरकार के नोटिफिकेशन को निरस्त करते हुए मीसाबंदियों को बड़ी राहत दी है।
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